Gwalior News : NSUI के कार्यकर्ता जीवाजी यूनिवर्सिटी कैम्पस में भूख हड़ताल पर, फर्जी बीएड, डीएड कॉलेजों पर एक्शन नहीं लेने से हैं आक्रोशित

आज सुबह पुलिस के अधिकारी छात्रों को समझाने भी पहुंचे थे अब सूचना ये आ रही है कि अधिक फ़ोर्स बुलाकर बल पूर्वक भूख हड़ताल समाप्त करवाई जा सकती है, लेकिन NSUI ने चेतावनी देते हुए कहा है कि यदि  ऐसी कोई कार्रवाई की गई तो सड़क पर बड़ा प्रदर्शन, आंदोलन होगा।

Atul Saxena
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NSUI leaders on hunger strike

Gwalior News : जीवाजी विश्व विद्यालय से सम्बद्धता पाने वाले फर्जी बीएड और डीएड कॉलेजों का खुलासा होने के बाद से एनएसयूआई इस पर कार्रवाई की मांग कर रही है, जीवाजी विश्व विद्यालय के कुलगुरु को ज्ञापन भी सौंपे गए हैं लेकिन आज तक विश्व विद्यालय प्रबंधन ने कोई एक्शन नहीं लिया है जिससे आक्रोशित होकर अब NSUI के कार्यकर्ता जीवाजी विश्व विद्यालय कैम्पस में भूख हड़ताल पर बैठ गए हैं।

जेयू प्रबंधन पर फर्जी कॉलेजों से मिलीभगत के आरोप 

सोमवार से भूख हड़ताल पर बैठे छात्र नेताओं का साथ देना आज एमएसयूआई की पूर्व प्रदेश अध्यक्ष  रश्मि पवार भी वहां पहुंची, जिला अध्यक्ष पवन शर्मा ने कहा कि फर्जी कॉलेजों पर एक्शन नहीं लेने से विश्व विद्यालय प्रबंधन की मंशा दिखाई दे रही है, स्पष्ट है कि कुल गुरु , कुल सचिव, रजिस्ट्रार सब कॉलेज संचालकों से मिले हुए हैं और भ्रष्टाचार में शामिल हैं।  पवन शर्मा ने कहा कि इन फर्जी एक कमरे में चलने वाले कॉलेज का निरीक्षण किया जाए और उनकी मान्यता समाप्त की जाए जिससे छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ ना हो।

जेयू प्रबंधन भूख हड़ताल खत्म करवाने की कोशिश में, NSUI ने दी ये चेतावनी 

उन्होंने कहा कि ये आंदोलन जब तक जारी रहेगा तब तक कोई एक्शन नहीं हो जाता उधर NSUI के आंदोलन को खत्म करने की कवायद भी यूनिवर्सिटी प्रबंधन द्वारा की जा रही है, आज सुबह पुलिस के अधिकारी छात्रों को समझाने भी पहुंचे थे अब सूचना ये आ रही है कि अधिक फ़ोर्स बुलाकर बल पूर्वक भूख हड़ताल समाप्त करवाई जा सकती है, लेकिन NSUI ने चेतावनी देते हुए कहा है कि यदि  ऐसी कोई कार्रवाई की गई तो सड़क पर बड़ा प्रदर्शन, आंदोलन होगा।


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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