Gwalior News : जिसे मृतक समझा वो जिंदा निकला, कर दिया किसी और का अंतिम संस्कार

Atul Saxena
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ग्वालियर, अतुल सक्सेना।  ग्वालियर (Gwalior News) में एक ऐसा मामला सामने आया है जिसने पुलिस(Gwalior Police) की उलझन बढ़ा दी है। ये मामला अंतिम संस्कार से जुड़ा है, परिजन ने जिसे अपना समझकर उसका अंतिम संस्कार किया वो जिंदा निकला और संस्कार के तुरंत बाद घर वापस लौट आया।  पुलिस अब मामले की जाँच कर रही है कि आखिर किसके शव का अंतिम संस्कार किया गया है।

दरअसल इंदरगंज थाना क्षेत्र के नौगजा रोड पर रहने वाला जुगल किशोर नाम का युवक घर से लापता था, इस बीच परिजनों को सूचना मिली कि कोतवाली थाना क्षेत्र के महाराज बाड़ा पर पुलिस को एक शव मिला है। परिजन उसे देखने पीएम हाउस गए, चूँकि जुगल को भी पैरालाइसिस था और जो मृतक था उसे भी पैरालाइसिस था।  कद काठी भी मिलती जुलती थी। इसलिए पिता सहित अन्य परिजनों ने उसे जुगल मानते हुए शव को पुलिस कार्यवाही के बाद लिया और गुरुवार की शाम उसका अंतिम संस्कार कर दिया।

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इस बीच एक रिश्तेदार ने जो अंतिम संस्कार में शामिल था जुगल को गिरवाई थाना क्षेत्र में देखा तो उसके ससुराल वालों को इसकी सूचना दी, जुगल के परिजन उसके अस्थि संचय के लिए जाने वाले थे और उन्हें उसके जिंदा होने की सूचना मिली तो वे उसे लेना गए हुए वापस घर ले आये।

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उन्होंने इसकी सूचना पुलिस को दी। इंदरगंज थाना टीआई अनिल भदौरिया घर पहुंचे और पूरा घटनाक्रम तफ्सील से सुना।  उन्होंने कहा कि मृतक के परिजनों ने खुद शव की पहचान की इसलिए उन्हें शव सौंपा गया , अब ये जांच का विषय है कि जिसका अंतिम संस्कार किया गया वो कौन था?


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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