Gwalior News : सरकारी धन में भ्रष्टाचार करने वाले तीन पूर्व सरपंच और एक सचिव को मिली सजा, जेल वारंट जारी

जिन ग्राम पंचायतों के सरपंच व सचिवों के विरूद्ध आदेश पारित किया गया है उनमें ग्राम पंचायत मेहगांव भितरवार, भंवरपुरा मुरार, समूदन डबरा शामिल हैं। इन चारों से 24 लाख 93 हजार रूपए से अधिक की राशि वसूल की जाना है।

Central Jail Gwalior
Gwalior News : ग्वालियर जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी विवेक कुमार ने शासकीय धन का दुरुपयोग करने वाले यानि सरकारी राशि का गबन करने वैल तीन पूर्व सरपंचों और एक पूर्व सचिव के खिलाफ जेल वारंट इश्यू किया है, आदेश के तहत इन चारों को 30 दिन तक सेन्ट्रल जेल में रहना होगा।
जानकारी के मुताबिक ग्वालियर जिले में जिन ग्राम पंचायतों में तत्कालीन सरपंच एवं सचिवों द्वारा विभिन्न निर्माण कार्य के नाम पर पंचायत खाते से राशि आहरण कर निर्माण कार्य पूर्ण न करते हुए शासकीय धनराशि का दुरूपयोग किया है, उनके विरूद्ध मध्यप्रदेश राज्य एवं ग्राम स्वराज अधिनियम 1993 की धारा-69, 92 के अंतर्गत वसूली का प्रकरण पंजीबद्ध कर धारा-89 अंतर्गत जांच कराई गई। जाँच में आरोप सही पाए जाने पर चार तत्कालीन सरपंचों के विरुद्ध विहित प्राधिकारी एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत विवेक कुमार ने जेल वारंट जारी किए हैं।

गबन की गई राशि जमा करने का अवसर दिया 

मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत विवेक कुमार ने अपने आदेश में कहा है कि जाँच में शासकीय धनराशि का गबन करने हेतु दोषी पाए गए तत्कालीन सरपंच एवं सचिवों को युक्तियुक्त सुनवाई का अवसर प्रदान किया गया। जिन तत्कालीन सरपंच व सचिवों द्वारा गबन की गई राशि शासकीय कोष में जमा नहीं कराई गई, उन्हें अंतिम आदेश पारित कर 15 दिवस का समय राशि जमा कराने के लिये दिया गया। आदेश का फिर भी पालन न करने पर सरपंच एवं सचिवों के विरूद्ध मध्यप्रदेश राज्य ग्राम स्वराज अधिनियम 1993 की धारा-92 की उपधारा-2 के अधीन 30 दिवस जेल में अवरूद्ध करने हेतु जेल वारंट जारी किया गया है।

इन पूर्व सरपंचों और सचिव पर हुआ एक्शन  

जिन ग्राम पंचायतों के सरपंच व सचिवों के विरूद्ध आदेश पारित किया गया है उनमें ग्राम पंचायत मेहगांव भितरवार के पूर्व सरपंच सूर्य प्रकाश , पूर्व सचिव लखन सिंह, ग्राम पंचायत भंवरपुरा मुरार के पूर्व सरपंच रे सिंह टेगौर, और ग्राम पंचायत समूदन डबरा की पूर्व सरपंच कैलासी देवी के नाम शामिल हैं। इन चारों से 24 लाख 93 हजार रुपये  से अधिक की राशि वसूल की जाना है।

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Atul Saxena

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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ.... पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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