Gwalior News : गर्मी का असर, आंगनबाड़ी का समय बदला, बिजली कंपनी ने ठेले वालों से की ये अपील

जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला बाल विकास धीरेन्द्र सिंह जादौन ने बताया कि नए आदेश के तहत अब जिले की आंगनबाड़ी अब 7:30 बजे खुलेंगी। बच्चों के नाश्ते का समय प्रात: 7:30 से 8 बजे तक रहेगा। बच्चों के भोजन का समय प्रात: 10 बजे से 10:30 बजे तक रहेगा। इसके साथ ही बच्चों की छुट्टी हो जायेगी।

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Gwalior News :  ग्वालियर में गर्मी का प्रकोप कम नहीं हो रहा है, तापमान 45 से 47 डिग्री सेल्सियस के आसपास चल रहा है जिला प्रशासन ने 11 बजे के बाद कोचिंगों के संचालन पर प्रतिबंध लगा दिया है अब आंगनबाड़ी के लिए भी आदेश जारी किये हैं, जिले में संचालित आंगनबाड़ी 10:30 बजे के बाद संचालित नहं हो सकेंगी उधर बिजली कंपनी ने भी ठेले और गुमटी वालों से अपील की है कि वे ट्रांसफार्मर से दूरी बने रखें

सुबह 10:30 तक ही लगेंगी आंगनबाड़ी  

ग्वालियर में बढ़ते हुए तापमान एवं लू को ध्यान में रखकर जिले में आंगनबाड़ियों के संचालन के समय में बदलाव किया गया है। अब आंगनबाड़ी प्रात:काल 7:30 बजे से 10:30 बजे तक लगाई जायेंगीं। कलेक्टर श्रीमती रुचिका चौहान ने 30 जून 2024 तक के लिये आंगनबाड़ियों के लिए यह समय निर्धारित किया है। अभी तक आंगनबाड़ियों का संचालन प्रात: 8 बजे से दोपहर 12 बजे तक किया जा रहा था।

अब ऐसा रहेगा आंगनबाड़ी का शेड्यूल 

जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला बाल विकास धीरेन्द्र सिंह जादौन ने बताया कि नए आदेश के तहत अब जिले की आंगनबाड़ी अब 7:30 बजे खुलेंगी। बच्चों के नाश्ते का समय प्रात: 7:30 से 8 बजे तक रहेगा। बच्चों के भोजन का समय प्रात: 10 बजे से 10:30 बजे तक रहेगा। इसके साथ ही बच्चों की छुट्टी हो जायेगी।

आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व सहायिका पूर्व की तरह दोपहर 2 बजे तक रुकेंगे 

आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व सहायिकाओं को निर्देश दिए गए हैं कि गर्मी को ध्यान में रखकर पोषण आहार की शुद्धता पर विशेष ध्यान रखें। साथ ही स्व-सहायता समूहों से प्राप्त पोषण आहार चखकर ही बच्चों को वितरित करें। आदेश में स्पष्ट किया गया है कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व सहायिका पूर्व की तरह दोपहर 2 बजे तक अभिलेखों का संधारण, संपर्क एप व पोषण ट्रेकर पर एंट्री व अन्य कार्य संपादित करेंगी।

ट्रांसफार्मर व पोल के पास ठेले न लगाएं, हो सकती है दुर्घटना

उधर मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी ने आग्रह किया है कि व्यवसायी अपने ठेले व गुमठियाँ बिजली के ट्रांसफार्मर एवं पोल के आसपास न लगाएँ। ऐसा करने से कभी भी बड़ी दुर्घटना हो सकती है। विद्युत वितरण कंपनी का कहना है कि कई स्थानों पर ऐसा देखने में आ रहा है कि लोग अपनी जान को जोखिम में डालकर ट्रांसफार्मर व विद्युत पोल के नीचे अपने गुमठियाँ, ठेले व फड़ लगा लेते हैं। बिजली के खंभों या ट्रांसफार्मर से सटाकर ठेले पर सामान बेचना नियमों के विपरीत भी है। इसलिए यदि कहीं पर भी इस तरह की गतिविधियां हो रही हों तो स्वयं ही उन्हें हटा लें, अन्यथा विद्युत वितरण कंपनी को कार्रवाई करने के लिए बाध्य होना पड़ेगा।

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Atul Saxena

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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ.... पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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