Gwalior News : पैसे लेकर खून बेचने वाले दो युवक गिरफ्त में, बोले- मजबूरी में किया ये काम, सरगना फरार

पुलिस ने जब इन आरोपियों से पूछताछ की तो उन्होंने पूरी कहानी सुना दी और खुद को निर्दोष बताते हुए अनिल तोमर द्वारा उन्हें भेजने के बात कही , आरोपियों ने कहा कि उन्होंने य एकं मजबूरी में किया है उनके छोटे छोटे बच्चे हैं उन्हें माफ़ कर दिया जाये, आरोपियों का ये वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।  

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Gwalior News :  जयारोग्य अस्पताल समूह में संचालित ब्लड बैंक की सतर्कता से पुलिस ने खून के सौदागरों को गिरफ्तार करने में  सफलता हासिल की है, आरोपी एक बीमार बच्ची के पिता को 2 यूनिट ब्लड पैसों लेकर बेचने आये थे, लेकिन जैसे ही ब्लड बैंक के कर्मचारियों को डोनर के फर्जी होने की शंका हुई उन्होंने पुलिस को कॉल कर उसके हवाले कर दिया, खास बात ये है कि गिरोह का सरगना अभी फरार है , अब जब खून बेचने वालों से पूछताछ की गई तो वे कहने लगे उन्होंने मजबूरी में ये काम किया है उन्हें माफ़ कर दिया जाये लेकिन पुलिस ने उन्हें जेल भेज दिया है।

ग्वालियर में खून बेचने वाला गिरोह फिर सक्रिय  

ग्वालियर शहर में एक बार फिर खून के सौदागरों ने जाल बिछाना शुरू कर दिया है, खून की दलाली करने वाला गिरोह सक्रिय हो गया है जिसके सदस्य अस्पताल के बाहर, ब्लड बैंकों के पास घूमते रहते हैं और जरूरतमंद की मजबूरी का फायदा उठाकर मोटी रकम लेकर खून बेचते है, इस गिरोह के दो सदस्य कल पुलिस की गिरफ्त में आये हैं।

7 महीने की बच्ची के लिए चाहिए था 2 यूनिट ब्लड  

जानकारी के अनुसार जयारोग्य अस्पताल समूह के कमलाराजा अस्पताल में महोबा उत्तर प्रदेश निवासी कृष्ण कुमार अपनी 7 महीने की बच्ची का इलाज कराने लाये हैं, डॉक्टर्स ने उसे भर्ती कर उसकी गंभीर हालत को देखते हुए 2  यूनिट ब्लड की तत्काल व्यवस्था करने के लिए उनसे कहा, बाहर का होने के कारण कृष्ण कुमार ब्लड की व्यवस्था के लिए भटकने लगे, इन पर खून के दलालों की नजर पड़ गई

खून के दलालों ने पिता से 6 हजार रुपये में किया सौदा   

अस्पताल परिसर में मौजूद अनिल तोमर नामक व्यक्ति ने कृष्ण कुमार से कहा कि ताजे खून की व्यवस्था हो जाएगी आको 6 हजार रुपये देने होंगे, कृष्ण कुमार बच्ची की हालत के सामने 6 हजार रुपये देने के लिए तैयार हो गए उसके बाद अनिल तोमर चला गया और फिर ब्लड बैंक पर उसने दो व्यक्ति जावेद खां और छोटे सिंह को भेज दिया।

ब्लड बैंक के कर्मचारियों ने पहचान लिए प्रोफेशनल डोनर, पुलिस को सौंपे 

दोनों जयारोग्य अस्पताल समूह के ब्लड बैंक पहुंचे , कर्मचारियों ने जब मरीज के बारे में पूछताछ की तो दोनो सकपका गए और कुछ नहीं बता पाए, कर्मचारियों को शंका हुई तो उन्होंने वरिष्ठ अधिकारियों को सूचित कर पुलिस को फोन कर दिया, पुलिस ने दोनों से जब पूछताछ की तो छोटे सिंह ने कहा कि मुझे जावेद ने फोन कर बुलाया था और एक यूनिट ब्लड के बदले 1500 रुपये देने के लिए कहा था जबकि जावेद ने कहा कि मुझे अनिल तोमर निवासी हजीरा ने ब्लड देने के लिए कहा था और 2000 रुपये देने के लिए कहा था।

पकड़े गए तो मजबूरी का रोना रोने लगे , सरगना फरार 

पुलिस ने जब इन आरोपियों से पूछताछ की तो उन्होंने पूरी कहानी सुना दी और खुद को निर्दोष बताते हुए अनिल तोमर द्वारा उन्हें भेजने के बात कही , आरोपियों ने कहा कि उन्होंने य एकं मजबूरी में किया है उनके छोटे छोटे बच्चे हैं उन्हें माफ़ कर दिया जाये, आरोपियों का ये वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।

पुलिस ने आरोपियों को जेल भेजा  

उधर कम्पू थाना पुलिस ने फरियादी कृष्ण कुमार की शिकायत पर दोनों आरोपियों और सरगना अनिल तोमर के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है, पुलिस ने आरोपी खून के सौदागर छोटे सिंह औ र्जवेद को जेल भेज दिया और अनिल तोमर की तलाश कर रही है, उधर जयारोग्य अस्पताल समूह के अधीक्षक डॉ आरकेएस धाकड़ ने कहा कि हमारा ब्लड बैंक निःशुल्क ब्लड उपलब्ध कराता है और फैमिली के डोनर को ही ब्लड देता है, स्पष्ट निर्देश हैं कि पूरी जाँच पड़ताल किये बिना ब्लड नहीं देना और उसकी का नतीजा है कि ये खून बेचने वाले डोनर पकड़ में आये हैं ।

Gwalior News : पैसे लेकर खून बेचने वाले दो युवक गिरफ्त में, बोले- मजबूरी में किया ये काम, सरगना फरार

ग्वालियर से अतुल सक्सेना की रिपोर्ट 


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Atul Saxena

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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ.... पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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