भ्रष्टाचार करने वाले पूर्व सरपंचों को जेल भेजने की कार्रवाई की कड़ी में ग्वालियर जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी एवं विहित प्राधिकारी आशीष तिवारी ने पंचायत राज अधिनियम की धारा-92 के तहत दो ग्राम पंचायतों के पूर्व सरपंचों को जेल भेजने के लिये अलग-अलग वारंट जारी किए हैं।
जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी आशीष तिवारी (CEO Gwalior Zilla Panchayat Ashish Tiwari) ने अलग-अलग आदेश जारी कर जिले की जनपद पंचायत भितरवार की ग्राम पंचायत लदवाया के पूर्व सरपंच राजेन्द्र सिंह और जनपद पंचायत मुरार की ग्राम पंचायत बड़ेरा फुटकर के पूर्व सरपंच घनश्याम शर्मा को अभिरक्षा में लेकर 30 दिवस के लिये जेल में रखने के निर्देश दिए हैं।
जिला पंचायत से प्राप्त जानकारी के अनुसार पूर्व सरपंच ग्राम पंचायत लदवाया राजेन्द्र सिंह द्वारा सर्व शिक्षा अभियान के तहत स्वीकृत शासकीय प्राथमिक विद्यालय बझेरा में अतिरिक्त कक्ष और शासकीय प्राथमिक विद्यालय मानपुर के अतिरिक्त कक्ष निर्माण के लिए जारी की गई लगभग 2 लाख 19 हजार 560 रुपये की राशि निकालकर दोनों विद्यालयों में अतिरिक्त कक्षों का निर्माण पूर्ण नहीं कराया। साथ ही धनराशि शासन कोष में जमा नहीं कराई गई।
इसी प्रकार ग्राम पंचायत बड़ेरा फुटकर के पूर्व सरपंच घनश्याम शर्मा ने शासकीय प्राथमिक विद्यालय बड़ेरा फुटकर, प्राथमिक विद्यालय चकबहादुरपुर, सेटेलाइट शाला बड़ेरा कॉलोनी और शासकीय माध्यमिक विद्यालय बड़ेरा फुटकर में सर्व शिक्षा अभियान के तहत स्वीकृत अतिरिक्त कक्ष व अन्य कार्यों के लिये निकाली गई शासकीय धनराशि का उपयोग इन कार्यों को पूर्ण कराने में नहीं किया। पूर्व सरपंच घनश्याम शर्मा पर 2 लाख 50 हजार रुपये से अधिक धनराशि का दुरूपयोग करने का आरोप सही पाया गया है।
ग्राम पंचायत लदवाया व बड़ेरा फुटकर के पूर्व सरपंचों के विरुद्ध मध्यप्रदेश पंचायतीराज एवं ग्राम स्वराज अधिनियम 1993 की धारा 92 के अंतर्गत वसूली का प्रकरण पंजीबद्ध कर उक्त राशि चुकाने हेतु नियमानुसार समय दिया गया। लेकिन उन्होंने रकम नहीं चुकाई। प्रकरण में अधिनियम की धारा 89 अंतर्गत प्राप्त जांच प्रतिवेदन अनुसार दोषी साबित होने के कारण विचार उपरांत अंतिम आदेश पारित कर 15 दिवस में रकम शासकीय कोष में जमा करने के लिए आदेशित किया गया था, किंतु पूर्व सरपंचों द्वारा राशि जमा नहीं कराई गई।
इसके बाद विहित प्राधिकारी एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत ग्वालियर न्यायालय ने मध्यप्रदेश पंचायतीराज एवं ग्राम स्वराज अधिनियम 1993 की धारा 92 की उप धारा 2 के अधीन जेल में सुपुर्द करने के वारंट जारी कर दिए हैं।