Gwalior : पूर्व महिला सरपंच को जेल भेजने का आदेश, ये है पूरा मामला

Atul Saxena
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ग्वालियर, अतुल सक्सेना।  शासकीय धनराशि का दुरुपयोग करने वाले पूर्व सरपंचों को जेल (Jail) भेजने की कार्रवाई ग्वालियर जिले में पिछले लम्बे समय से की जा रही है। इस कड़ी में ग्वालियर जिला पंचायत (Gwalior Zila Panchayat ) के मुख्य कार्यपालन अधिकारी एवं विहित प्राधिकारी आशीष तिवारी ने पंचायत राज अधिनियम की धारा-92 के तहत ग्राम पंचायत जखौदा की पूर्व सरपंच श्रीमती दुर्गो बाई को जेल भेजने (Former female sarpanch jailed) का आदेश जारी किया है।

जानकारी के अनुसार जनपद पंचायत घाटीगाँव (बरई) की ग्राम पंचायत जखौदा की पूर्व सरपंच श्रीमती दुर्गो बाई पर 14वाँ वित्त आयोग की 2 लाख 30 हजार रुपये से अधिक राशि का दुरूपयोग करने का आरोप जाँच में सही पाया गया है।

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आपको बता दें कि जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी आशीष तिवारी द्वारा पूर्व सरपंच श्रीमती दुर्गो बाई के विरुद्ध मध्य प्रदेश पंचायतीराज एवं ग्राम स्वराज अधिनियम 1993 की धारा 92 के अंतर्गत वसूली का प्रकरण पंजीबद्ध कर उक्त राशि चुकाने के लिए समय दिया गया। किंतु उन्होंने रकम नहीं चुकाई।

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प्रकरण में अधिनियम की धारा 89 अंतर्गत प्राप्त जांच प्रतिवेदन अनुसार दोषी साबित होने के कारण विचार उपरांत अंतिम आदेश पारित कर 15 दिवस में रकम शासकीय कोष में जमा करने के लिए आदेशित किया गया था, किंतु पूर्व सरपंच द्वारा फिर भी राशि जमा नहीं कराई गई।

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इसके बाद विहित प्राधिकारी एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत ग्वालियर न्यायालय ने मध्य प्रदेश पंचायतीराज एवं ग्राम स्वराज अधिनियम 1993 की धारा 92 की उप धारा 2 के अधीन पूर्व सरपंच को जेल में सुपुर्द करने के लिए वारंट जारी किया है। ग्वालियर सेन्ट्रल जेल के अधीक्षक को 30 दिवस की अवधि के लिए पूर्व सरपंच श्रीमती दुर्गो बाई को जेल में रखने के लिये आदेशित किया गया है।


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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