यहाँ 26/11 के शहीदों को दी वेबिनार से श्रद्धांजलि, कोरोना योद्धा सम्मानित

Atul Saxena
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ग्वालियर, अतुल सक्सेना। शहीद सुशील कुमार शर्मा फाउंडेशन ( Shaheed Sushil Kumar Sharma Foundation) एवं यूथ रीयल फ्रीडम इन्डिया (Youth Real Freedom India) के संयुक्त तत्वावधान में गत वर्षों की तरह इस वर्ष भी 26/11 के शहीद सुशील कुमार शर्मा की स्मृति में अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर वेबिनार आयोजित किया गया । कार्यक्रम का आयोजन ग्वालियर में सिटी सेंटर (City Cener) स्थित “Yaaro_ka_thiya Cafe” पर किया गया ।

शहीद सुशील कुमार शर्मा फाउंडेशन के संयोजक एवं बड़े भाई डॉ. महेंद्र कुमार शर्मा ने 26/11 को याद करते हैं बताया कि मुंबई आतंकी हमले में शहीद हुए मुरैना (चंबल संभाग) में जन्मे शहीद सुशील कुमार शर्मा मुंबई वीटी स्टेशन पर एटीसी के पद पर कार्यरत थे । 26/11 को अनेक लोगों की जान बचाते हुए एक पांच वर्षीय छोटी बच्ची को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने का प्रयास करते समय “कसाब” नामक आतंकवादी से सुशील भैया का शरीर टच हुआ तभी कसाब ने सुशील शर्मा के शरीर में अंधाधुंध गोलियां उतार दी। जिससे सुशील वहीं शहीद हो गए, डॉ.महेन्द्र शर्मा ने बताया कि सुशील रेलवे कंट्रोल रूम में जाकर वीटी पर आने वाली ट्रेनों को अन्य स्टेशनों पर रोकने का आदेश नहीं देते तो न जाने कितने निर्दोष लोगों की जाने जा सकती थी । उनकी याद में 2009 में शहीद सुशील कुमार शर्मा फाउंडेशन की स्थापना उनके स्नेही एवं परिवार जनों द्वारा की गई । जिसके द्वारा सम्पूर्ण देश के कई प्रांतों में समय समय पर कार्यकमों का आयोजन होता रहता है , इस वर्ष 2020 में covid 19 के चलते कार्यक्रम का आयोजन ऑनलाइन संपन्न हुआ ।

कार्यक्रम की व्यवस्था एन. जी.ओ. यूथ रीयल फ्रीडम इन्डिया के अध्यक्ष इं.सागर शर्मा और सचिव इं.अर्पण गौड़ द्वारा की गई । इस कार्यक्रम में कोरोना योद्धाओं को शहीद सुशील कुमार शर्मा के पुत्र आदित्य शर्मा (मुंबई) की उपस्थिति संचालन के साथ ही आमंत्रित वक्ताओं के रूप में ब्रजमोहन श्रीवास्तव (राष्ट्रीय प्रवक्ताएन .सी. पी), राजेश शुक्ला (उप महाधिवक्ताउच्च न्यायालय ग्वालियर), डॉ. केशव पाण्डे, डॉ.एम.के.शर्मा, डॉ एन एन लाहा, यतेंद्र पाण्डे (राजस्थान),श्रीमती रचना शर्मा, विजय कुमार उपमन्यु , के.के.भारद्वाज, कु. आध्या दीक्षित, और श्रीमती प्रियंका शर्मा ने अपने विचार रखे । उक्त कार्यक्रम में कोरोना योद्धाओं को सम्मानित भी किया गया ।


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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