ग्वालियर । नगर निगम में भारत रत्न, पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी वाजपेयी विराट की जयंती पर ” हमारे अटल प्यारे अटल” कार्यक्रम के अंतर्गत अखिल भारतीय कवि सम्मलेन का आयोजन किया और देश के जाने माने कवि सत्यनारायण सत्तन को कवि अटल सम्मान से विभूषित किया। सम्मान स्वरुप उन्हें 51 हजार रुपये सम्मान पत्र और शॉल अतिथियों ने भेंट की। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर थे। अध्यक्षता महापौर विवेक नारायण शेजवलकर ने की।
अपने संबोधन में केन्द्रीय मंत्री श्री तोमर ने कहा कि देश के जाने माने कवि श्री सत्तन जी को अटल कवि सम्मान प्रदान कर हम सभी गर्व का अनुभव कर रहे हैं। श्री सत्तन जी की कविता राष्ट्रवाद, राष्ट्र के विचार व चिंतन को आगे बढाने का कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि आज अटल जी के जन्मदिवस के अवसर पर देशभर में अनेक कार्यक्रम आयोजित हो रहे हैं। अटलजी को कविता से बहुत प्यार है तथा ग्वालियर में आयोजित साहित्य का यह अनूठा कार्यक्रम हम सबका उनके प्रति अटल सम्मान है। उन्होनें महापौर श्री शेजवलकर से कहा कि शहर में 8 से 10 एकड भूमि का चयन करें, जहां अटल जी के सम्मान में एक स्मारक बना सकें। इसके लिए धनराशि की व्यवस्था हम सभी के सहयोग से करेगें।
कार्यक्रम के प्रारंभ में अतिथियों का स्वागत करते हुए महापौर विवेक नारायण शेजवलकर ने कहा कि अटल जी संवेदनशील राजनेता एवं कुशल प्रशासक रहे हैं, उनका जन्मदिवस अनेक राज्यों में सुशासन दिवस के रुप में मनाया जाता है। उन्होंने कहा कि अटल जी का ग्वालियर से गहरा नाता रहा है तथा उनके कवि हृदय को पूरी दुनिया जानती है तथा अटल जी को कवि के रुप में याद करने के लिए नगर निगम पिछले 3 वर्षों से यह आयोजन कर रहे हैं, यह चैथा वर्ष है। हमारा प्रयास रहेगा कि इस कार्यक्रम को देश का प्रतिष्ठित कार्यक्रम के रुप में स्थापित कर सकें।
बड़े बड़े धुर विरोधी भूल जाते थे विरोध। बात ऐसी बोलते थे, हंसी ठिठोली में……
छोटे बडे सबको ही अपना सा कर लेते, जाने कौन सा जादू था अटल जी की बोली में ….
बड़े बड़े धुर विरोधी भूल जाते थे विरोध। बात ऐसी बोलते थे, हंसी ठिठोली में…………
यह पंक्तियां अखिल भारतीय कवि सम्मेलन में देश की ख्यातिनाम कवियत्री डाॅ कीर्ति काले (नई दिल्ली ) ने सुनाकर श्रोताओं में जोश भर दिया। कवि सम्मेलन में देश के सुप्रसिद्व गीतकार, सुविख्यात कवि सत्यनारायण (सत्तन इंदौर ),रमेश शर्मा( चित्तौड), डा रुचि चतुर्वेदी (आगरा), सर्वेश अष्ठाना( लखनउ) , हरेश चतुर्वेदी (आगरा ) एवं कुंअर जावेद (कोटा) ने अपनी कविताओं से श्रोताओं को खूब गुदगुदाया। मंच का संचालन सर्वेश अष्ठाना ने किया।