JU VC Professor Avinash Tiwari in trouble: मुरैना जिले की सबलगढ़ तहसील के झुण्डपुरा में पिछले 11 साल से संचालित हो रहे शिवशक्ति महाविद्यालय के सम्बद्धता में हुए फर्जीवाड़ा का खुलासा कुलगुरु प्रोफेसर अविनाश तिवारी की गले की फांस बन रहा है, एक शिकायत के बाद जब जाँच हुई तो परतें खुल गई और भ्रष्टाचार का खेल उजागर हुआ जिसके बाद ग्वालियर ईओडब्ल्यू ने वीसी प्रोफ़ेसर अविनाश तिवारी, बाँसवाड़ा राजस्थान विश्वविद्यालय के वीसी प्रोफ़ेसर एसके द्विवेदी सहित कुल 19 प्रोफेसर्स पर मुकदमा दर्ज कर लिया, क्योंकि ये सभी कॉलेज के लिए गठित जाँच दल में शामिल थे, खुलासे के बाद उच्च शिक्षा विभाग एक्शन में आया, कुलगुरु और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ राजभवन तलब किये गए जहाँ राज्यपाल ने नाराजगी जताई अब कार्य परिषद् सदस्य विवेक भदौरिया ने कुलगुरु से इस्तीफा माँगा है उन्होंने संभावना जताई है कि कहीं वीसी को बर्खास्त न कर दिया जाये।
NACC की ++ रेंक हासिल करने वाला मध्य प्रदेश का इकलौता विश्वविद्यालय जीवाजी विश्वविद्यालय अपनी कारगुजारियों के लिए चर्चित रहता है। परीक्षाओं से जुड़े मसले हों या नियुक्तियों से जुड़े, छात्र नेता से लेकर कार्य परिषद् सदस्य सवाल उठाते रहते हैं। इन सबसे भी अहम् है सम्बद्धता, जिसे लेकर कई बार कार्य परिषद् की बैठक में सदस्यों ने विरोध दर्ज कराया लेकिन विश्वविद्यालय प्रबंधन ने उनकी एक नहीं सुनी और सम्बद्धता बांटते रहे, लेकिन अब जब मामला ईओडब्ल्यू में अपराध दर्ज करने तक पहुंच गया है तो प्रबंधन की नींद उड़ गई है।
उच्च शिक्षा विभाग के ACS ने मांगी शिवशक्ति कॉलेज में पढ़ने वाले स्टूडेंट्स की लिस्ट
उच्च शिक्षा विभाग के अतिरिक्त संचालक के. रत्नम ने विश्वविद्यालय प्रबंधन से 2020 से अब तक शिवशक्ति महाविद्यालय में पढ़ने वाले विद्यार्थियों की सूची मांगी है उन्होंने ये भी पूछा है कि प्रबंधन ये भी बताये कि इस दौरान कितने विद्यार्थियों को स्कॉलरशिप दी गई। उनके द्वारा मांगी गई जानकारी से समझा जा रहा है कि कहीं यहाँ स्कॉलरशिप घोटाला भी तो नहीं हुआ है। उधर विभाग ने शिवशक्ति महाविघालय झुण्डपुरा मुरैना की मान्यता/ सम्बद्धता समाप्त करने के आदेश जीवाजी विश्वविद्यालय को दिए हैं जिस पर कार्यवाही शुरू हो गई है।
कहीं बर्खास्त न कर दिए जाएँ कुलगुरु अविनाश तिवारी
इस मामले के बाद जीवाजी विश्वविद्यालय कार्य परिषद् के सदस्य भी नाराज हैं, ईसी मेंबर विवेक भदौरिया का कहना है कि राज्यपाल यानि कुलाधिपति का नाराज होना बिलकुल सही है ईओडब्ल्यू में कुलगुरु पर मुकदमा दर्ज होना निंदनीय और शर्मनाक है। उन्होंने कहा इससे जीवाजी विश्वविद्यालय का नाम धूमिल हुआ है, उन्होंने सवाल किया, इतनी नाराजगी के बाद भी कुलगुरु ने इस्तीफा नहीं दिया है पांच दिन हो गए उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए, मुझे लगता है कि यदि कुलगुरु प्रोफ़ेसर अविनाश तिवारी इस्तीफा नहीं देते तो कहीं उन्हें बर्खास्त ना कर दिया जाये और यदि ऐसा हुआ तो ये एक और बड़ा धब्बा जीवाजी विश्वविद्यालय पर होगा।
EC बैठक में उठा था शिवशक्ति कॉलेज का मुद्दा, प्रबंधन ने नजर अंदाज किया
विवेक भदौरिया ने कहा कि कई कॉलेज नोम्स के हिसाब से नहीं चल रहे थे हम और साथी ईसी मेंबर दो साल से ये मुद्दे उठा रहे थे डेढ़ साल पहले भी झुण्डपुरा का मामला कुलगुरु के पास उठाया था राजभवन भी शिकायत की थी लेकिन कुछ नहीं हुआ लेकिन अब जो कार्यवाही हुई तो धब्बा विश्वविद्यालय पर लग गया। हमें भी इसपर खेद है इसके कारण विश्वविद्यालय का नाम ख़राब हो रहा है। जाँच दलों को कॉलेजों में मिल रही अनियमितताओं पर उन्होंने कहा कि हमने जब जब शिकायत की हर बार कुलगुरु ने नकार दिया, कार्य परिषद सदस्यों के विरोध के बाद भी लॉ कॉलेजों को मान्यता दे दी गई, ऐसी ही हठधर्मिता की परते अब खुल रही हैं , जो हमें भी पीड़ा दे रही हैं।
ग्वालियर से अतुल सक्सेना की रिपोर्ट