कांग्रेस की ना सोच बची है ना विचारधारा ना नीति, आचार्य प्रमोद कृष्णम के निष्कासन पर सिंधिया ने लिया कांग्रेस को आड़े हाथ

रविवार को केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ग्वालियर पहुंचे। जहां उन्होंने मीडिया से बातचीत करते हुए निष्कासन के फैसले को लेकर कांग्रेस पर जमकर तंज कसा। इस दौरान उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी की विचारधारा भारत को बैंकरप्ट करने की थी।

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Jyotiraditya Scindia

Gwalior News: शनिवार को कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने अनुशासनहीनता के आरोप में वरिष्ठ नेता और आध्यात्मिक गुरू आचार्य प्रमोद कृष्णम को पार्टी से 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया है। निष्कासन का यह प्रस्ताव उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी की तरफ से खड़गे के सामने पेश किया गया था। वहीं आचार्य प्रमोद के निष्कासन को लेकर केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस को आड़े हाथ लेते हुए जमकर विरोध किया।

कांग्रेस खुद बैंकरप्ट हो चुकी है- सिंधिया

रविवार को केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ग्वालियर पहुंचे। जहां उन्होंने मीडिया से बातचीत करते हुए निष्कासन के फैसले को लेकर कांग्रेस पर जमकर तंज कसा। इस दौरान उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी की विचारधारा भारत को बैंकरप्ट करने की थी। अब पार्टी खुद ही बैंकरप्ट हो चुकी है। सिंधिया ने कहा कि पार्टी की न कोई सोच बची है, न ही कोई विचारधारा और न ही कोई नीति बची है।

लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को नकारेगी देश की जनता

इस दौरान ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि जो पार्टी भगवान राम के मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के आमंत्रण को नकारेगी। उसे पूरे देश की जनता आने वाले लोकसभा चुनाव में उसी तरह नकारेगी, जिस तरह 10 सालों से नकारते आ रही है।

राम और राष्ट्र से समझौता नहीं कर सकते- आचार्य प्रमोद

कांग्रेस से 6 साल के लिए निष्कासन होने के बाद आचार्य प्रमोद कृष्णम ने सोशल मीडिया पर X पर अपनी प्रतिक्रिया जाहिर की थी। इस दौरान उन्होंने पोस्ट करते हुए लिखा था कि राम और राष्ट्र से समझौता नहीं कर सकते हैं। आपको बता दें आचार्य प्रमोद लोकसभा चुनाव 2019 में कांग्रेस पार्टी की तरफ से लखनऊ से लोकसभा का चुनाव लड़े थे।

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पत्रकारिता उन चुनिंदा पेशों में से है जो समाज को सार्थक रूप देने में सक्षम है। पत्रकार जितना ज्यादा अपने काम के प्रति ईमानदार होगा पत्रकारिता उतनी ही ज्यादा प्रखर और प्रभावकारी होगी। पत्रकारिता एक ऐसा क्षेत्र है जिसके जरिये हम मज़लूमों, शोषितों या वो लोग जो हाशिये पर है उनकी आवाज आसानी से उठा सकते हैं। पत्रकार समाज मे उतनी ही अहम भूमिका निभाता है जितना एक साहित्यकार, समाज विचारक। ये तीनों ही पुराने पूर्वाग्रह को तोड़ते हैं और अवचेतन समाज में चेतना जागृत करने का काम करते हैं। मशहूर शायर अकबर इलाहाबादी ने अपने इस शेर में बहुत सही तरीके से पत्रकारिता की भूमिका की बात कही है–खींचो न कमानों को न तलवार निकालो जब तोप मुक़ाबिल हो तो अख़बार निकालोमैं भी एक कलम का सिपाही हूँ और पत्रकारिता से जुड़ा हुआ हूँ। मुझे साहित्य में भी रुचि है । मैं एक समतामूलक समाज बनाने के लिये तत्पर हूँ।

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