शादी की वर्षगांठ पर विधायक की पहल, पहला मानदेय गौमाता की सेवा में

Atul Saxena
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ग्वालियर, अतुल सक्सेना। पहली बार विधायक बने कांग्रेस विधायक सतीश सिंह सिकरवार (Congress MLA Satish Singh Sikarwar) ने गौवंश के संरक्षण और सुरक्षा के लिए एक पहल की है। उन्होंने अपना पहला मानदेय आदर्श गौशाला लाल टिपारा गौशाला (Lal Tipara Gaushala)  को दान करने का फैसला लिया है। उन्होंने सभी विधायकों से अपने अपने क्षेत्र या जिले की गौशाला में अपना एक महीने का मानदेय दान करने की भी अपील की है ।

ग्वालियर पूर्व विधानसभा के कांग्रेस विधायक सतीश सिंह सिकरवार ने अपनी शादी की सालगिरह पर एक ऐसा उदाहरण पेश किया है जिसे यदि लोग अपनाएं तो गौमाता की ना सिर्फ सेवा हो सकेगी बल्कि उनकी सुरक्षा भी हो सकेगी। विधायक सतीश सिंह सिकरवार पत्नी शोभा सिकरवार के साथ विवाह की वर्ष गांठ के मौके पर लाल टिपारा आदर्श गौशाला पहुंचे यहाँ उन्होंने गौमाता को हरा चारा खिलाया और गुड़ अजवाइन से बने लड्डू खिलाये। कांग्रेस विधायक ने कहा कि गौवंश का सरंक्षण केवल सरकार के भरोसे नहीं हो सकता इसलिए ना केवल विधायक बल्कि समाज के प्रत्येक व्यक्ति को अपनी आय का 10% हिस्सा गौवंश के संरक्षण और सुरक्षा के लिए आसपास की गौशालाओं में दान करना चाहिए साथ ही सर्दी के भीषण प्रकोप से गौ माता को बचाने के लिए गुड़ अजवाइन बाजरे का आटा से बने लड्डू लोगों को अपने आस-पास सड़कों पर गलियों में घूम रही गौ माता को खिलाना चाहिए।

विधायक सतीश सिंह सिकरवार की पत्नी पूर्व पार्षद शोभा सिंह सिकरवार ने महिलाओं से अपील करते हुए कहा कि वह पॉलीथिन में किसी भी प्रकार की भोजन सामग्री को बंद करके न फेंके क्योंकि गौमाता पॉलिथीन खाकर मर जाती हैं। इस अवसर पर मौजूद गौशाला की देखरेख कर रहे स्वामी ऋषभदेवानन्द ने गौ संरक्षण के लिए पूरे प्रदेश में क्या योजना बनाई जा सकती है इससे सिकरवार को अवगत कराया । उन्होंने कहा कि आज आपने जो संकल्प लिया है यदि ऐसा संकल्प हर सक्षम व्यक्ति ले ले तो गौमाता की रक्षा करना संभव है।


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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