ग्वालियर पुलिस ने लूट की एक झूठी कहानी से पर्दा उठा दिया है, पुलिस पूछताछ में सामने आया कि फरियादी और उसके परिवार पर कुल 35 लाख रुपये का कर्जा था जिसे कर्जदार आपस मांग रहे थे इसलिए उसने इसे छुटकारा पाने के लिए 12 लाख रुपये की लूट की कहानी रच डाली।
पुलिस ने जानकरी देते हुए बताया कि थाना महाराजपुरा क्षेत्र के ग्राम सेखपुरा में रहने वाले अखिलेश पाल ने 24 जुलाई की रात बेहटा पुलिस चौकी पर सूचना दी थी कि दो मोटर साइकिल पर सवार 06 बदमाशों ने बेहटा पुल के नीचे उसकी गाड़ी के सामने के कांच व हेल्पर साइड के कांच में डंडा मारकर तथा सड़क पर पत्थर रखकर उसकी गाड़ी को रोका। बदमाशों ने उसे गाड़ी से उतारकर तलाशी ली तो उन्हें कुछ नहीं मिला उसके बाद उन्होंने गाड़ी की पीछे वाली सीट पर रखा ब्लैक कलर का छोटा बैग उठाया जिसमें 12 लाख रुपये रखे थे उसे लेकर खेतों की तरफ भाग गये।
12 लाख रुपये की बड़ी लूट की सूचना चौकी स्टाफ ने तत्काल वरिष्ठ अधिकारियों को दी । एसपी धर्मवीर सिंह ने मामले को गंभीरता से लेते हुए अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक कृष्ण लालचंदानी को एक्शन लेने के लिए निर्देशित किया। निर्देश मिलोते ही महाराजपुरा थाना टी आई धर्मेन्द्र सिंह यादव द्वारा बेहटा चौकी प्रभारी उप निरीक्षक क्षमा राजौरिया के नेतृत्व में पुलिस की टीम को लूट घटना की जाँच के निर्देश दिए।
इस कारण रची लूट की झूठी कहानी
पुलिस ने जब जाँच शुरू की तो उसे फरियादी की बातोप्न और घटना स्थल को देखने पर कुछ शंका हुई। जब पुलिस ने फरियादी अखिलेश से गहराई से अपने अंदाज में पूछताछ की तो वो डर गया और उसने सच बता दिया, अखिलेश ने बताया कि वह खेती किसानी का कार्य करता है। 24 जुलाई को वो अपने मित्र की कार से मुरार गया था और हुरावली चौराहा होते हुए हाइवे पर जा रहा था, तभी बेहटा पुल के नीचे मेरे मन में विचार आया कि मेरे तथा घर वालों पर लगभग 35 लाख रुपये का कर्ज है क्यो न लूट की झूठी कहानी बनाई जाए जिससे जिन-जिन लोगों से मैंने कर्ज लिया है उनके नाम पुलिस को बता देंगे तो मुझे उनके रुपये नही देना पड़ेंगे।
पुलिस को बताया उसके साथ कहा हुई लूट
पुलिस ने जब उससे लूटे गये 12 लाख रुपये की सच्चाई पूछी तो वो झूठी निकली उसने बताया कि मेरे साथ बेहटा पुल के नीचे कोई लूट नहीं हुई थी और ना ही मेरे पास 12 लाख रुपये थे, गाड़ी के कांच भी मेरे द्वारा ही तोड़े गये थे और मौके पर रोड़ पर पत्थर भी मेरे द्वारा ही रखे गये थे। मैने अपने भाई व पिताजी को गांव में फोन कर मेरे साथ हुई झूठी लूट की कहानी बताई थी, जिससे गांव वाले मौके पर आ जायेंगे जिससे पुलिस द्वारा लूट की घटना सही मान ली जायेगी।
माफीनामा लिखवाकर पुलिस ने किया माफ़
पुलिस ने अखिलेश पाल को जमकर फटकारा, पुलिस ने जब कार्रवाई की बात कही तो वो माफ़ी मांगने लगा, बाद में पुलिस ने वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देश पर अखिलेश पाल से एक माफीनामा लिखवाया और फिर उसे ये कहकर माफ़ कर दिया कि वो भविष्य में कोई अपराध नहीं करेगा।






