नाराज अनूप मिश्रा को महापौर प्रत्याशी सुमन शर्मा ने मनाया, दोनों बोले कुछ हुआ ही नहीं

Atul Saxena
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ग्वालियर, अतुल सक्सेना। भाजपा के वचन पत्र जारी करने के दौरान पूर्व मंत्री अनूप मिश्रा (Anoop Mishra) के अपमान वाली घटना ने ग्वालियर भाजपा (BJP Gwalior) का सियासी पारा चढ़ा दिया था।  मंच पौर कुर्सी नहीं मिलने से नाराज अनूप मिश्रा (Anup Mishra) घर चले गए थे।  अपने नेता के अपमान से आक्रोशित उनके समर्थकों ने ब्राह्मण समाज द्वारा चुनावों की बहिष्कार की घोषणा भी सोशल मीडिया पर कर दी थी।  माहौल को गर्माता देख महापौर प्रत्याशी सुमन शर्मा अनूप मिश्रा के घर पहुंची, उन्होंने हाथ जोड़े, माफ़ी मांगी, अनूप मिश्रा ने भी उनके आंसुओं को देखते हुए कहा कि मैं तुमसे नाराज नहीं हूँ।

भाजपा के वचन पत्र (BJP manifesto) जारी करने के कार्यक्रम में अनूप मिश्रा जैसे कद्द्वार नेता के अपमान से पार्टी के अंदर उठे सियासी तूफान को सुमन शर्मा ने अपने आंसुओं से शांत कर दिया। वे अनूप मिश्रा को मनाने उनके घर पहुंचीं उनके साथ अन्य भाजपा नेता भी थे। अपने अपमान से नाराज और आहात पूर्व मंत्री अनूप मिश्रा ने सुमन शर्मा (BJP mayor candidate Suman Sharma)  और उनके साथियों को जमकर खरी-खोटी सुनाई और पार्टी के कार्यक्रमों में ना आने की बात कही।

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अनूप मिश्रा की नाराजगी को देखते हुए महापौर प्रत्याशी सुमन शर्मा ने रोते हुए उन्हें मनाया। सुमन ने हाथ पैर जोड़कर अनूप मिश्रा की मिन्नतें की और उन्हें अपने प्रचार के लिए आने का निवेदन किया। अनूप मिश्रा ने पार्टी के कार्यक्रमों में आने से मना कर दिया। उन्होंने कहा कि मैं तो बिना बुलाये तुम्हारे कार्यक्रमों में आता हूँ, तुम मेरी बहन हो, मैं तुमसे नाराज नहीं हूँ।  मीडिया से बात करते हुए अनूप मिश्रा ने कहा कि मान अपमान, सब बाद में निपट लेंगे अभी पहला काम सुमन को जिताना है।  दोनों ने मीडिया के सामने कहा कि कहीं कोई नाराजी नहीं है।


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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