ग्वालियर। लोकतंत्र सेनानी यानि मीसाबंदियों ने स्पष्ट चेतवनी दी है कि यदि मध्यप्रदेश की नवगठित कांग्रेस सरकार यदि उनकी पेंशन बंद करती है तो इसका कड़ा विरोध किया जाएगा। हम लोग हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट तक जायेंगे और यदि जरुरत पड़ी तो सड़कों पर संघर्ष के लिए भी उतरेंगे।
लोकतंत्र सेनानी संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष कैलाश सोनी ने ग्वालियर में पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा कि उन्हें अख़बारों के माध्यम से मालूम चला है कि कुछ कांग्रेस नेता मध्यप्रदेश में मीसाबंदियों की पेंशन बंद करने की मांग कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे लोगों को मैं स्पष्ट कर देना चाहता हूँ कि ये कोई पेंशन नहीं है बल्कि लोकनायक जयप्रकाश नारायण सम्मान निधि है। जिसके साथ किसी भी तरह का कुठाराघात बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। श्री सोनी ने कहा कि सभी जानते हैं कि आपातकाल के दिनों में कैसे लाखों बुगुनाहों को जेल में डाला गाया, उन्हें यातनाएं दी गई, फिर भी हम लोगों ने किसी सरकार से कोई मांग नहीं की लेकिन आज देश की 10 राज्य सरकारें ये सम्मान निधि हमें दे रहीं है। इनमें उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, बिहार, झारखण्ड, पंजाब, हरियाणा, उत्तराखंड और महाराष्ट्र सरकारें शामिल हैं. उन्होंने बताया कि सबसे पहले 2006 में उतरप्रदेश ने ये शुरुआत की।
श्री सोनी न कहा कि आगामी आठ जनवरी को दिल्ली में लोकतंत्र सेनानी संघ की राष्ट्रीय बैठक का आयोजन किया जा रहा है जिसमें राष्ट्रीय कार्यसमिति पदाधिकारी, सदस्य, राज्यों के अध्यक्ष और महामंत्री शामिल होंगे तब इस विषय पर विस्तार से चर्चा होगी और तय किया जाएगा कि यदि मध्यप्रदेश की सरकार राजनैतिक विद्वेष के चलते ऐसा करती है तो क्या कदम उठाये जाएँ। पत्रकारवार्ता में संघ के राष्ट्रीय संयुक्त सचिव मदन बाथम भी मौजूद थे।