बदमाश ने की कट्टा दिलाने की मांग, इंकार किया तो कर दी फायरिंग, पिता पुत्र बाल बाल बचे

हारून उनके घर के बाहर आया और गालियाँ देने लगा, उन्होंने बाहर आकर देखा तो उसने गोली चला दी, गोली की आवाज सुनकर रियाज ने खिड़की से देखा तो हारून ने उसपर गोली चला दी, गनीमत रही कि गोली किसी को नहीं लगी,

Gwalior News

Gwalior News : ग्वालियर में दबंगई का एक अजीब मामला सामने आया जिसमें पिता पुत्र की जान जाते जाते बच गई, मामला शहर के माधौगंज थाना क्षेत्र का है, यहाँ दिन दहाड़े गोली चलने की आवाज से दहशत फ़ैल गई, बदमाश ने यहाँ रहने वाले रियाज खान से कट्टा दिलाने की मांग कर रहा था, बेटे ने इंकार किया तो उसने घर आकर जान से मारने की नीयत से फायरिंग कर दी, पुलिस ने आरोपी पर मामला दर्ज कर लिया है।

ग्वालियर के माधौगंज थाना क्षेत्र में सिन्धु आदर्श कालोनी में रहने वाले चुन्ना खान और उनके बेटे रियाज पर शिंदे की छावनी में रहने वाले बदमाश हारून कुर्रेशी ने फायर कर दिए, गनीमत ये रही कि गोली किसी को नहीं लगी और पिता पुत्र बाल बाल बच गए, खास बात ये है कि आरोपी और फरियादी एक दूसरे को पहले से जानते हैं , आरोपी हारून पहले इनका पड़ोसी था।

बदमाश ने की कट्टा दिलाने की मांग 

एडिशनल एसपी निरंजन शर्मा ने बताया कि चुन्ना खान ने जो रिपोर्ट लिखवाई है उसके मुताबिक हारून कुर्रेशी पिछले कुछ दिनों से उनके बेटे रियाज से कट्टा दिलाने की मांग कर रहा है , उसने बीती रात उससे व्हाट्स एप पर भी कट्टा दिलाने की मांग की, बेटे ने मना किया तो देख लेने की धमकी दी।

फायरिंग की घटना सीसीटीवी में कैद 

हारून उनके घर के बाहर आया और गालियाँ देने लगा, उन्होंने बाहर आकर देखा तो उसने गोली चला दी, गोली की आवाज सुनकर रियाज ने खिड़की से देखा तो हारून ने उसपर गोली चला दी, गनीमत रही कि गोली किसी को नहीं लगी, पुलिस ने आरोपी के खिलाफ जान लेवा हमले की धारा 307 का अपराध पंजीबद्ध कर लिया है, पुलिस को चुन्ना खान और रियाज ने आरोपी हारून से हुई बातचीत का वीडियो प्रूफ और फायरिंग के सीसीटीवी फुटेज भी दिए हैं, पुलिस आरोपी की तलाश कर रही है।

ग्वालियर से अतुल सक्सेना की रिपोर्ट 


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Atul Saxena

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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ.... पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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