ग्वालियर, अतुल सक्सेना। मंगलवार से लापता 15 वर्षीय नाबालिग का शव (murder of a minor) पुलिस को बंद पड़ी जेसी मिले के कम्पाउंड की एक टनल से मिला है। शव के हाथ, पैर, मुंह सब टेप और रस्सी से बंधे मिले हैं, सिर भी किसी भारी पत्थर से कुचला गया है। पुलिस ने शव की जांच फोरेंसिक एक्सपर्ट से करवाकर मौके से साक्ष्य इकठ्ठा कर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।
गौरतलब है कि 15 वर्षीय छात्र की हत्या करने वाला 20 वर्षीय छात्र साहिल चौहान भी मर चुका है उसने मंगलवार बुधवार की दरमियानी रात अपने कमरे में फांसी लगा ली थी। कमरे से मिले सुसाइड नोट ने एक ऐसे घटनाक्रम का खुलासा किया जिसे जानकर परिजन और पुलिस भी चौंक गई थी।
दर असल हजीरा थाना क्षेत्र के कांचमिल क्षेत्र में तिकोनिया पार्क के पास रहने वाले 20 साल के साहिल चौहान मंगलवार को कोचिंग से लौटा, वो मेकअप आर्टिस्ट की ट्रेनिंग ले रहा था, उसने कमरा बंद कर लिया, परिजनों को लगा थक कर सो गया होगा लेकिन जब बहुत देर तक बाहर नहीं आया तो मां ने दरवाजा खोला जहांकमरे में साहिल फांसी पर झूलता मिला।
सूचना पर पहुंची पुलिस ने जब कमरे की तलाशी ली तो एक सुसाइड नोट मिला जिसमें साहिल ने उससे पांच साल छोटे पास में ही रहने वाले एक लड़के का नाम लिखते हुए लिखा कि वो समलैंगिक है और लम्बे समय से मेरा शोषण कर रहा था, वो मुझे ब्लैकमेल कर रहा था , मैं उसे बहुत पैसे दे चुका था। उसकी मांग काम नहीं हो रही थी , मैं परेशान हो चुका हैं इसलिए अपना बदला लेकर आत्महत्या कर रहा हूँ। सुसाइड नोट बहुत बड़ा है जिसमें बहुत सी बातें साहिल ने लिखी है।
सुसाइड नोट मिलने के बाद से ही पुलिस नाबालिग की तलाश कर रही थी, कल बुधवार को बंद पड़ी जेसी मिल कम्पाउंड के पास नाबालिग की साइकिल मिली थी, लगातार सर्चिंग के बाद पुलिस को सफलता मिल गई। पुलिस ने आज जेसी मिल कम्पाउंड में एक बंद पड़ी टनल से नाबालिग छात्र का शव बरामद (minor’s body recovered) कर लिया।
सीएसपी रवि भदौरिया ने बताया कि शव के हाथ, पैर और मुंह पर सिंथेटिक टेप बंधा हुआ मिला और रस्सी से बंधे हुए मिले, सिर पर किसी भारी पत्थर से वार करने की आशंका दिखाई दे रही है। शव के पास मेकअप किट भी मिली है। पुलिस ने फोरेंसिक एक्सपर्ट को बुलाकर शव की जाँच की , घटना स्थल से साक्ष्य इकठ्ठा किये और शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
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Atul Saxena
पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....
पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....