ओबीसी छात्रावास में रह रहे बच्चों को मिलेगी फ्री WIFI, जिम और मेस की सुविधा, औचक निरीक्षण करने पहुंची मंत्री बोली- लापरवाही बर्दाश्त नहीं

मंत्री कृष्णा गौर ने कहा कि डॉ मोहन यादव सरकार की मंशा है कि ओबीसी छात्रावास में रह रहे बच्चों को भी दूसरे छात्रावासों की तरह ही सुविधाएँ मिले इसलिए मैंने विभाग को निर्देश दिए हैं कि  प्रदेश में स्थित शासकीय ओबीसी छात्रावासों में मेस, वाईफाई, सोलर पैनल, ई-लाइब्रेरी और जिम की सुविधा अनिवार्य रूप से की जाये।

Minister Smt. Krishna Gaur

Gwalior News : मध्य प्रदेश की सरकार अब पिछड़ा वर्ग के बच्चों के लिए प्रदेश में उपलब्ध छात्रावासों में सुविधाओं का विस्तार करने जा रही है, ग्वालियर पहुंची पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्रीमती कृष्णा गौर ने कहा कि अब ओबीसी बच्चों को उनके छात्रावास में मेस, वाईफाई , सोलर पैनल, ई-लाइब्रेरी और जिम की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी।

मंत्री कृष्णा गौर ने किया छात्रावास का औचक निरीक्षण 

ग्वालियर के एक दिवसीय प्रवास पर पहुंची श्रीमती कृष्णा गौर ने शारदा विहार स्थित शासकीय पिछड़ा वर्ग छात्रावास का औचक निरीक्षण किया उन्होंने छात्रावास में रह रहे बच्चों से बात की उनकी परेशानियां पूछी, उन्होंने बताया कि मुझे विभाग संभाले अभी दो महीने हुए हैं मैं जहाँ जहाँ भी जाती हूँ वहां छात्रावास का औचक निरीक्षण करती हूँ।

मीडिया से बोली- ओबीसी छात्रावासों में अब ये 5 सुविधाएँ मिलेंगी   

मंत्री कृष्णा गौर ने कहा कि डॉ मोहन यादव सरकार की मंशा है कि ओबीसी छात्रावास में रह रहे बच्चों को भी दूसरे छात्रावासों की तरह ही सुविधाएँ मिले इसलिए मैंने विभाग को निर्देश दिए हैं कि  प्रदेश में स्थित शासकीय ओबीसी छात्रावासों में मेस, वाईफाई, सोलर पैनल, ई-लाइब्रेरी और जिम की सुविधा अनिवार्य रूप से की जाये।

अधिकारियों को निर्देश, लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी 

उन्होंने कहा कि मैंने निरीक्षण के बाद अधिकारियों को निर्देश दिए हैं जो कमियां सामने आई हैं अगले निरीक्षण में नहीं मिलनी चाहिए,  छात्रावासों के संचालन, छात्र छात्राओं को सरकार से मिलने वाली सुविधाओं या फिर अन्य किसी भी तरह के काम में लापरवाही स्वीकार नहीं की जाएगी।

ग्वालियर से अतुल सक्सेना की रिपोर्ट 


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Atul Saxena

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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ.... पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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