भितरवार, डेस्क रिपोर्ट। देश आजादी का 75वां अमृत महोत्सव मना रहा है। लेकिन आजादी के इतने वर्षों बाद भी कई जगह ऐसी हैं जहां जातिगत रूप से लोगों के साथ भेदभाव किया जा रहा है। ऐसा ही मामला मध्यप्रदेश के ग्वालियर (Gwalior) जिले की भितरवार तहसील के ग्राम पंचायत बडेराभारस का है जहाँ स्वतंत्रता दिवस के मौके पर दलित सरपंच को पंचायत सचिव ने राष्ट्रीय ध्वज तक नहीं फहराने दिया, जिसके चलते सरपंच ने सचिव के खिलाफ जनपद पंचायत सीईओ व थाना प्रभारी को कार्यवाही करने के लिए लिखित आवेदन दिया।
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आपको बता दें कि ग्राम पंचायत बडेराभारस के सरपंच राजेश सिंह ने पंचायत सचिव अल्लादीन खान के खिलाफ आरोप लगाए है कि पंचायत सचिव अल्लादीन खान के द्वारा मुझे पंचायत भवन बड़ेरा पर कोरी जाति होने से ध्वजारोहण नहीं करने दिया गया साथ ही गांव के दबंग लोगों के साथ मिलकर मेरा अपमान किया गया और उसके द्वारा कहा गया कि कोरी नीच व अछूत है जिसके कारण कभी झण्डा नहीं फहराएगा। वहीं पूर्व में सचिव ने मुझे पंचायत भवन में कुर्सी बैठने हेतु नहीं दी गई मुझे हमेशा कुरिया कहकर बुलाया जाता है वह कहता है, जिससे मेरी शिकायत करनी है उसे कर दें।
सरपंच राजेश ने पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा कि अगर मैं दलित समाज से हूं तो सरकार क्यों आरक्षित एससी एसटी वर्ग की सीटों का आरक्षण करती है, और फिर क्यों कराया जाता है निर्वाचन? अगर जनता द्वारा सरपंच एससी एसटी वर्ग का चुनकर आ जाता है तो फिर उसे झंडा बंदन क्यों नहीं करने दिया जाता हैं। आगे उन्होंने कहा कि इस पूरे मामले की मैंने जनपद पंचायत सीईओ व थाना प्रभारी को कार्यवाही करने के लिए लिखित आवेदन दिया। साथ ही कहा कि तो ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।