जब नहीं पहुंचे लड़की वाले चढ़ाने सगाई तो कर दी लड़के वालों ने बिचौलिए की बंधक बनाकर पिटाई, मामला ग्वालियर का

शाम होते-होते जब वधू पक्ष के लोग नहीं आए तो बंटी गुर्जर और उनके अन्य संबंधियों द्वारा शादी कराने वाले लाल सिंह गुर्जर को घर में बंधक बनाकर उनके साथ मारपीट की गई।

Shashank Baranwal
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Gwalior

Gwalior News: मध्य प्रदेश के ग्वालियर जिले से एक अजीबोगरीब घटना सामने आई है। जहां वधू पक्ष के लोग जब सगाई चढ़ाने नहीं आए तो वर पक्ष के लोगों ने शादी कराने वाले बुजुर्ग व्यक्ति को बंधक बनाकर मारपीट की। वहीं घायल अवस्था में व्यक्ति ने पुलिस के पास जाकर शिकायत दर्ज कराई, जिसके तुरंत बाद पुलिस ने 5 लोगों के खिलाफ बंधक, मारपीट सहित अन्य धाराओं में मामला दर्ज कर आरोपियों की तलाश शुरू कर दी है।

मामला झांसी रोड थाना क्षेत्र का

दरअसल, घटना ग्वालियर के झांसी रोड थाना क्षेत्र के पूरासनी गांव का है। यहां रहने वाले बंटी गुर्जर और उनकी बहन का रिश्ता नूराबाद मुरैना के रहने वाले लाल सिंह गुर्जर द्वारा कराया गया था। वहीं एक दिने परहले ही बंटी सिंह की बहन की शादी हो चुकी थी और कल बंटी सिंह की सगाई के लिए वधू पक्ष के लोगों को आना था। लेकिन शाम होते-होते जब वधू पक्ष के लोग नहीं आए तो बंटी गुर्जर और उनके अन्य संबंधियों द्वारा शादी कराने वाले लाल सिंह गुर्जर को घर में बंधक बनाकर उनके साथ मारपीट की गई। वहीं काफी मशक्कत के बाद लाल सिंह जब कब्जे से छूटे तो तुरंत ही पुलिस के पास पहुंचकर आप बीती सुनाते हुए शिकायत दर्ज कराई। फरियादी की शिकायत पर झांसी रोड थाना पुलिस ने बंटी सिंह गुर्जर, जंदेल सिंह, रामबरन सिंह और केशव सिंह के खिलाफ मारपीट, अगवा करने के साथ अन्य धाराओं में मामला दर्ज कर तलाश शुरू कर दी गई है।


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पत्रकारिता उन चुनिंदा पेशों में से है जो समाज को सार्थक रूप देने में सक्षम है। पत्रकार जितना ज्यादा अपने काम के प्रति ईमानदार होगा पत्रकारिता उतनी ही ज्यादा प्रखर और प्रभावकारी होगी। पत्रकारिता एक ऐसा क्षेत्र है जिसके जरिये हम मज़लूमों, शोषितों या वो लोग जो हाशिये पर है उनकी आवाज आसानी से उठा सकते हैं। पत्रकार समाज मे उतनी ही अहम भूमिका निभाता है जितना एक साहित्यकार, समाज विचारक। ये तीनों ही पुराने पूर्वाग्रह को तोड़ते हैं और अवचेतन समाज में चेतना जागृत करने का काम करते हैं। मशहूर शायर अकबर इलाहाबादी ने अपने इस शेर में बहुत सही तरीके से पत्रकारिता की भूमिका की बात कही है–खींचो न कमानों को न तलवार निकालो जब तोप मुक़ाबिल हो तो अख़बार निकालोमैं भी एक कलम का सिपाही हूँ और पत्रकारिता से जुड़ा हुआ हूँ। मुझे साहित्य में भी रुचि है । मैं एक समतामूलक समाज बनाने के लिये तत्पर हूँ।

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