बॉलीवुड की फिल्मों से प्रभावित होकर रची स्वयं के अपहरण की साजिश, पुलिस ने किया पर्दाफाश

Atul Saxena
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Gwalior Crime News : ग्वालियर पुलिस ने अपहरण की एक झूठी कहानी का पर्दाफाश कर साजिश रचने वाले आरोपी वैन चालक और उसका साथ देने वाले दो साथियों को गिरफ्तार कर लिया है, पूछताछ में खुलासा हुआ कि आरोपी पर बाजार का बहुत कर्जा था और एक व्यापारी से जमीन संबंधी विवाद चल रहा था, उसे बॉलीवुड फिल्म देखने का शौक है उसने उसी से प्रभावित होकर ये झूठी कहानी रची। पुलिस ने पकड़े गये आरोपियों के पास से एक कट्टा मय एक जिंदा राउण्ड व मोटर सायकिल जब्त की है।

बाइक सवार बदमाशों ने किया था अपहरण

बीती 21 दिसंबर को मुरार थाना क्षेत्र में आगरा-झांसी हाइवे पर स्थित राम श्याम ढाबे के पास से मोटरसाइकिल सवार दो बदमाशों द्वारा कट्टा दिखाकर वैन चालाक परमाल माहौर का उस समय अपहरण कर लिया था जब वो कोचिंग के बच्चों को छोड़ने उनके घर जा रहा था। बदमाशों ने ओवर टेक कर वैन को रोका फिर कट्टा अड़ाकर ड्राइवर परमाल को बाहर खींचा और उसका अपहरण कर भाग गये, घटना की सूचना पुलिस को दी गई, पुलिस तत्काल एक्शन में आई।

घटना के बाद पुलिस एक्शन में आई

मुरार थाना पुलिस ने अपह्रत परमाल माहौर के बेटे अनिल माहौर की रिपोर्ट पर से धारा 365, 34 IPC का प्रकरण पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया। शहर से खुलेआम अपहरण घटना को गंभीरता से लेते हुए पुलिस अधीक्षक अमित सांघी ने एडिशनल एसपी क्राइम राजेश डण्डोतिया को क्राइम ब्रांच तथा मुरार थाने की संयुक्त टीम बनाकर अपह्त की सकुशल रिहाई व अपहरणकर्ताओं को पकड़ने का निर्देश दिया।

दो सीएसपी के नेतृत्व में दो थानों की टीम ने शुरू की तफ्तीश

निर्देशों के परिपालन में सीएसपी मुरार/डीएसपी क्राइम ऋषिकेश मीणा व सीएसपी लश्कर/डीएसपी क्राइम सियाज़ के एम  के मार्गदर्शन में टीआई थाना क्राइम ब्रांच दामोदर गुप्ता एवं टी आई मुरार विनायक शुक्ला ने दो टीमें अलग अलग बनाई और अपह्रत की तलाश शुरू की। पुलिस ने घटनास्थल के आसपास एवं अपहृत व्यक्ति के परिजनों से गहन पूछताछ की तो पता चला कि अपहृत व्यक्ति पर काफी कर्ज था वो रोज नशा करने का आदी था। मुरार के एक व्यापारी से अपहृत व्यक्ति का जमीन संबंधी विवाद पिछले कई वर्षों से चल रहा है।

परिजनों से पूछताछ में सामने आई ये कहानी

पूछताछ में ये तथ्य सामने आने के बाद पुलिस को अपहरण की कहानी पर संदेह हुआ, उसके बाद पुलिस ने दूसरे एंगल से छानबीन प्रारम्भ की। नये सिरे से की गई जांच में यह तथ्य सामने आये कि पिछले करीब तीन-चार दिन से अपहृत व्यक्ति द्वारा अपने मिलने वालों से यह बोला जा रहा था कि उसके साथ दो-तीन दिन में कोई घटना घट सकती है, जिसमें उसके द्वारा मुरार क्षेत्र के एक व्यापारी का नाम बार-बार बताया जा रहा था।

करीबी दोस्त को पुलिस ने पकड़ा, खुला राज

व्यापारी का नाम सामने आने पर पुलिस ने उक्त व्यापारी से पूछताछ की। तस्दीक करने पर मामला संदेहास्पद पाया गया। पुलिस ने तकनीक व मुखबिर की मदद से पता लगाया कि अपह्त व्यक्ति का एक बहुत करीबी दोस्त है जिसके साथ उसका प्रतिदिन उठना बैठना रहता है, संदेह के आधार पर उसके करीबी दोस्त से बारीकी से पूछताछ की गई तो उसके द्वारा बताया गया कि अपह्त व्यक्ति द्वारा अधिक कर्जा होने से उसके द्वारा मुरार के व्यापारी को अपहरण के प्रकरण में फंसाये जाने की नियत से बड़ागांव निवासी एक अन्य दोस्त के साथ मिलकर तीनों ने स्वयं के अपहरण की झूठी साजिश रची और अपहरण कर उक्त व्यक्ति को शीतला के जंगल में मोटर सायकिल से छोड़कर आ गये थे।

मुखबिर ने बताया अपह्रत व्यक्ति का क्लू

तफ्तीश के दौरान पुलिस अधीक्षक अमित सांघी को आज 24 दिसंबर को मुखबिर से सूचना मिली कि अपहृत व्यक्ति थाना आंतरी क्षेत्र में अपने रिश्तेदार के घर देखा गया है। सूचना मिलते ही क्राइम ब्रांच व मुरार थाने की पुलिस संयुक्त अपहृत की तलाश में गई और अपह्रत को आंतरी क्षेत्र में उसके रिश्तेदार के घर से पकड़ लिया।

रिश्तेदार के घर से अपह्रत पकड़ा, उगली सही कहानी

पूछताछ करने पर परमाल माहौर ने बताया गया कि बहुत ज्यादा कर्जा होने की वजह से एवं मुरार के व्यापारी से लम्बे समय से चले आ रहे जमीन संबंधी विवाद में बदला लेने के लिये उसके अपने दो अन्य साथियों के साथ मिलकर बॉलीवुड की फिल्मों से प्रभावित होकर स्वयं के अपहरण की झूठी साजिश रची थी। मुरार थाना पुलिस ने तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर उनकी निशादेही पर घटना में प्रयुक्त एक देशी कट्टा व एक राउण्ड तथा एक मोटर सायकिल को जब्त कर लिया।


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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