ग्वालियर के कई घरों में पांच फीट तक भरा बारिश का पानी, दो दिन से नहीं बना खाना, भूखे बैठे हैं बच्चे, नहीं मिल रही मदद

स्थानीय लोगों का कहना है कि नगर निगम में शिकायत की कोई सुनने वाला नहीं है, जो नंबर बाढ़ राहत के नाम पर जारी किये गए वे बंद हैं, हम लोगों की सुध लेने वाला कोई नहीं है। 

Atul Saxena
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Rain water in many houses of Gwalior

Gwalior News : ग्वालियर में पिछले 24 घंटे से ज्यादा समय से जारी बारिश ने कई इलाकों को जलमग्न कर दिया है, सड़कें तालाब बन चुकी हैं, दो दिनों से घरों में चार से पांच फीट पानी भरा है, हालात ये हैं कि दो दिन से किचिन बंद हैं बच्चे भूखे हैं, बीमार लोग परेशान हैं, लोगों का आरोप है कि कई बार नगर निगम के अधिकारियों को फोन लगाए लेकिन कोई रिस्पोंस नहीं मिला, जो नंबर दिए गए हैं वे भी बंद हैं कोई सुनने वाला नहीं है।

घरों में पांच फीट तक पानी, दो दिन से नहीं बना खाना, प्रशासन के फोन नंबर बने दिखावा  

ग्वालियर में हो रही बारिश ने नगर निगम के इंतजामों की पोल खोल दी है, क्या शहर क्या देहात, सब जगह हालत बदतर हो रहे हैं, शहर की ग्वालियर विधानसभा की तमाम बस्ती, मोहल्ले और कॉलोनियां जलमग्न हैं,  यहाँ की शीलनगर कालोनी की गलियों में दो दिनों से पानी भरा है, घरों में चार से पांच फीट पानी है, घर का सारा सामान पानी में डूब गया है हालात ये हैं कि खाना नहीं बन पा रहा, बच्चे भूखे हैं, स्थानीय लोगों का कहना है कि नगर निगम में शिकायत की कोई सुनने वाला नहीं है, जो नंबर बाढ़ राहत के नाम पर जारी किये गए वे बंद हैं, हम लोगों की सुध लेने वाला कोई नहीं है।

स्थानीय कांग्रेस पार्षद का आरोप , हर साल ऐसे ही हालत बनते हैं,  नहीं सुनते निगम अफसर 

वार्ड क्रमांक 5 के अंतर्गत आने वाले शीलनगर के कांग्रेस पार्षद पीपी शर्मा का कहना है कि ये हालत यहाँ पहली बार नहीं बने है, हर साल बारिश में ये हालत बनते हैं और नगर निगम के अधिकारी कह देते हैं कि बारिश के बाद यहाँ नाला बनाकर स्थाई समाधान कर दिया जायेगा, लेकिन होता कुछ नहीं है। उन्होंने कहा आगे नाला संकरा है अतिक्रमण है,  इस बार हालात ज्यादा ख़राब है थोड़ा पानी निकाला गया है लेकिन फिर भी अभी बहुत पानी भरा है जो परेशानी बना हुआ है दो घर पलायन कर चुके हैं, उन्होंने कहा कि इस गली को स्मार्ट गली कहते हैं लेकिन ये कितनी स्मार्ट है आप देख सकते हैं।

ग्वालियर से अतुल सक्सेना की रिपोर्ट 


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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