‘महाराज’ की शरण में पहुंचे SAHARA के पीड़ित बेसहारा, पैसा वापसी के लिए लगाई गुहार

Atul Saxena
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ग्वालियर, अतुल सक्सेना। सहारा इंडिया (Sahara India) में पैसा लगाने वाले निवेशक पैसा वापसी के लिए भटक रहे हैं। कई परिवार तो ऐसे हैं जो भुखमरी की कगार पर आ चुके हैं।  पीड़ित लोग हर स्तर पर कोशिश कर रहे हैं कि किसी तरह उन्हें उनके जीवन की गाढ़ी कमाई वापस मिल जाये जो उन्होंने सहारा में लगाई है। मुरैना जिले के सैकड़ों पीड़ित आज ग्वालियर आये  और केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) से मुलाकात कर उन्हें एक पत्र सौंपा।

'महाराज' की शरण में पहुंचे SAHARA के पीड़ित बेसहारा, पैसा वापसी के लिए लगाई गुहार

भारतीय जनता पार्टी जिला मुरैना के मंत्री राजेंद्र शुक्ल के साथ आज शनिवार को भाजपा नेता राजेंद्र शुक्ला के साथ मुरैना जिले के ऐसे लोगों ने मुलाकात की जो सहारा में पैसा लगाकर परेशान हैं। सहारा से अपना पैसा वापस लेने के लिए दर दर भटक रहे पीड़ितों ने केंद्रीय मंत्री सिंधिया से गुहार लगाई है।

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भाजपा नेता राजेंद्र शुक्ला के नेतृत्व ने पीड़ितों ने सिंधिया से मुलाकात कर उन्हें एक पत्र सौंपा।  पत्र में भाजपा नेता ने बताया कि कैलारस, जौरा और सबलगढ़ के करीब 2500 परिवारों ने सहारा इंडिया के अलग अलग योजनाओं में पैसा लगाया है।  उन्हें पैसा कई गुना करने का भरोसा दिलाया गया लेकिन मेच्योरिटी के बाद पैसा वापस नहीं मिला। पत्र में लिखा है कि ये 2500 परिवार भुखमरी की कगार पर हैं।

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पत्र में केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया से मांग की गई है कि पीड़ितों की राशि सहारा इंडिया से वापस दिलाई जाये और कंपनी के अधिकारियों के खिलाफ आपराधिक प्रकरण पंजीबद्ध किया जाये। पत्र के साथ इन पीड़ित 2500 परिवारों की सूची संलग्न की गई है।

'महाराज' की शरण में पहुंचे SAHARA के पीड़ित बेसहारा, पैसा वापसी के लिए लगाई गुहार

 


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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