ग्वालियर, अतुल सक्सेना। ग्वालियर जिले के बाजरा उत्पादक किसानों ने जिला प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए हैं। किसानों का कहना है कि उन्होंने अपना बाजरा सोसायटियों पर तुलवाकर बेच दिया था। लेकिन अब सोसायटियां बाजरे को करीब दो महीने बाद अमानक बताकर वापस ले जाने के लिए दबाव बना रही हैं, उधर वेयर हाउस वाले किराया मांग रहे हैं। परेशान किसानों ने मप्र किसानसभा के नेतृत्व में कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन किया।
मप्र किसान सभा के अखिलेश यादव के नेतृत्व में ग्वालियर जिले के बाजरा उत्पादक कलेक्ट्रेट पहुंचे और वहांप्रादर्शन कर ज्ञापन सौंपा। किसान नेता ने आरोप लगाया कि जिला प्रशासन बाजरा किसानों के साथ अन्याय कर रहा है। जिन किसानों ने बाजरा सोसायटियों में तुलवाया था, एक महीने से दो महीने तक बाजरा सोसायटियों में पड़ा रहा, अब प्रशासन अमानक बताकर बाजरा वापस कर रहा है। जो किसान बाजरा वापस लेने जा रहा है तो वेयर हॉउस वाले किराया मांग रहे हैं, तुलाई मांग रहे हैं। ये नाइंसाफी है।
ये भी पढ़ें – Republic Day 2022: शिवराज सरकार का बड़ा फैसला, दिशा निर्देश जारी, ये होंगे सम्मानित
किसान नेता अखिलेश यादव ने कहा कि सरकारी खरीद 2250 रुपये प्रति क्विंटल की है लेकिन बाजरा वापस किये जाने की सूचना मिलते ही मौके का फायदा उठाकर व्यापारी 1200- 1400 में बाजरा खरीद कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इससे एक किसान को एक क्विंटल पर 800 से 900 रुपये का नुकसान हो रहा है।
ये भी पढ़ें – एक्शन में इंदौर पुलिस : अब सोशल मीडिया पर ये सब किया तो पड़ेगा भारी
उन्होंने कहा कि जब सोसायटियों ने किसानों से बाजरे की तुलाई करा ली तो एक हफ्ते में किसान के खाते में पैसा पहुंच जाना चाहिए थालेकिन यहाँ ऐसा नहीं हो रहा। अखिलेश यादव ने कहा कि सोसायटियों और जिला प्रशासन की मनमानी के कारण ग्वालियर के 800 – 900 बाजरा उत्पादक किसने परेशान हैं। उन्होंने किसानों के बाजरे का भुगतान किये जाने की मांग करते हुए कहा कि प्रशासन ने हठधर्मिता नहीं छोड़ी तो किसान आंदोलन करने पर विवश होंगे।