Gwalior में सख्ती: ADM-ADSP कर रहे चैकिंग, बिना मास्क वालों को जेल की सजा

Atul Saxena
Published on -

ग्वालियर, अतुल सक्सेना। ग्वालियर (Gwalior) में सोमवार को एक साथ 22 कोरोना पॉजिटिव मरीज (corona positive patient) सामने आने के बाद प्रशासन एक बार फिर सख्त हो गया है। आज मंगलवार को जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन ने फूलबाग चौराहे पर चैकिंग अभियान चलाया और बिना मास्क वालों पर चालानी कार्रवाई की। कोरोना प्रोटोकॉल तोड़ने वाले लोगों के लिए प्रशासन ने चौराहे पर ही बैरिकेड्स लगाकर खुली जेल बनाई है जहाँ उन्हें कुछ देर खड़ा रखकर उनकी गलती का अहसास कराया जा रहा है।

Gwalior में सख्ती: ADM-ADSP कर रहे चैकिंग, बिना मास्क वालों को जेल की सजा Gwalior में सख्ती: ADM-ADSP कर रहे चैकिंग, बिना मास्क वालों को जेल की सजा

ग्वालियर(Gwalior News) से सबसे व्यस्त फूलबाग चौराहे पर आज मंगलवार को एडीएम इच्छित गढ़पाले (ADM Desired Garhpale) और एडीएसपी सतेंद्र सिंह तोमर (ADSP Satendra Singh Tomar) ने चैकिंग अभियान चलाया। दोनों वरिष्ठ अधिकारियों ने रोको टोको अभियान (Roko Toko Campaign) के तहत बिना मास्क निकले लोगों को रोक कर मास्क के लिए टोका फिर उनका चालान काटकर उन्हें मास्क देकर इसे लगाने की हिदायत दी।

ये भी पढ़ें – Gold Silver Rate : सोना चांदी दोनों हुए सस्ते, खरीदने का अच्छा मौका

पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों ने सवारी वाहनों को रोक कर भी उसकी चैकिंग की।  वाहन में बिना मास्क बैठी सवारियों को मास्क लगाने की हिदायत दी वहीँ सवारी वाहन चालक को ऐसे लोगों को नहीं बैठाने अथवा मास्क लगाकर ही बैठाने के निर्देश दिए। अधिकारियों ने कहा कि यदि बिना मास्क वाली सवारी लेकर चले तो चालक का चालान भी कटेगा।

ये भी पढ़ें – इंदौर में कोरोना ब्लास्ट, 137 नए पॉजिटिव, 1 की मौत, कलेक्टर ने जारी किए ये निर्देश

गौरतलब है कि मध्य प्रदेश में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या 1000 पार हो गई है,  ग्वालियर में भी  लगातार बढ़ती जा रही है। सोमवार को एक साथ 22 मरीज सामने आने के बाद प्रशासन अब फिर सख्ती के मूड में आ गया है।

ये भी पढ़ें – MP में एक्टिव केस 1000 पार, कलेक्टर-केंद्रीय मंत्री के PA समेत 308 पॉजिटिव, सरकार अलर्ट


About Author
Atul Saxena

Atul Saxena

पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

Other Latest News