सुप्रीम कोर्ट ने ख़ारिज की फरार चिटफंडी की जमानत याचिका, एसपी ने किया इनाम घोषित

Atul Saxena
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ग्वालियर, अतुल सक्सेना। शहर के व्यापारियों को एक करोड़ सैंतालीस लाख रुपये की धोखाधड़ी (Fraud) कर फरार हुए चिटफंड (Chit fund) कारोबारी मनीष लुधियानी की अग्रिम जमानत याचिका सुप्रीम कोर्ट ने भी खारिज कर दी है। इधर पुलिस अधीक्षक अमित सांघी (SP Amit Sanghi) ने मनीष लुधियानी व उसके सहयोगी (साले) राकेश आहूजा पर तीन-तीन हजार रुपये का इनाम घोषित कर दिया है।

धोखाधड़ी (Fraud) का शिकार बने व्यापारियों में से एक राजकुमार गेही ने माधौगंज पुलिस थाने में 21 नवम्बर 2011 को शिकायत दर्ज कराई थी कि मनीष लुधियानी अपने साले राकेश आहूजा के साथ मिलकर शहर के कई व्यापारियों को एक  करोड़ सैंतालीस लाख रुपये की चपत लगाकर बीते साल सितम्बर माह में फरार हो गया इसके बाद अपने खून-पसीने की गाढ़ी कमाई गवां बैठे व्यापारी पैसा वापसी की आस लगाए बैठे हैं। पुलिस में रिपोर्ट दर्ज होने की जानकारी लगते ही मनीष व राकेश ने पहले जिला व सत्र न्यायालय, फिर उच्च न्यायालय (HC) में अग्रिम जमानत की याचिका लगाई लेकिन दोनों ही जगह से याचिका खारिज होने के बाद अब सुप्रीम कोर्ट (SC) ने भी उसकी अग्रिम जमानत की याचिका को खारिज कर दिया है।

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उधर फरार आरोपी मनीष लुधियानी और राकेश आहूजा पर पुलिस अधीक्षक अमित सांघी (SP Amit Sanghi) ने 3 – 3 हजार रुपए का इनाम घोषित कर दिया है।  गौरतलब है कि मनीष और उसके साले राकेश ने शहर के व्यापारियों से कहा कि वो पत्ती चलाने का व्यापार करते हैं मनीष ने कहा कि उसकी मनीष ट्रेडर्स के नाम से अग्रसेन कॉम्प्लेक्स दरजी ओली में ऑफिस है और टोपी बाजार में एक दुकान है। लोगों को उसपर भरोसा हो गया और उन लोगों ने व्यापारियों को एक प्रमाणपत्र भी दिखाया। व्यापारियों को भरोसा हो गया और सब मनीष के ऑफिस में हर महीने पैसे जमा करने लगे। व्यापारियों ने एक साल बाद जब पैसे मांगे तो दोनों टालने लगे कर फिर फरार हो गए और तभी से फरार हैं।


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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