ग्वालियर, अतुल सक्सेना। ग्वालियर जिले के बिलौआ थाना क्षेत्र में शासकीय कार्य से गए पटवारी के साथ एक कॉलेज संचालक ने मारपीट कर दी, जिला प्रशासन की टीम एक शिकायती आवेदन पर जमीन का सीमांकन करने गई थी तभी वहां आरएनएस कॉलेज के संचालकगण आ गए और उन्होंने पटवारी सुनील शर्मा के साथ मारपीट कर दी। पुलिस ने एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। उधर पटवारी संघ ने सुरक्षा की मांग करते हुए कहा है कि यदि ऐसी घटनाएं होती रही तो काम करना मुश्किल होगा।
जानकारी के मुताबिक आज बिलौआ थाना क्षेत्र स्थित मौजा नागौर में सर्वे क्रमांक 64 की एक भूमि का सीमांकन करने के लिए ग्वालियर जिला प्रशासन (Gwalior District Administration) की राजस्व विभाग की एक टीम गई थी। ये सीमांकन नका चंदबदनी निवासी संतोष साहू के आवेदन पर तहसीलदार कोर्ट के आदेश पर किया जा रहा था।
पटवारी सुनील शर्मा ने कहा कि वे जब सीमांकन कर रहे थे जो लगभग पूरा हो गया था तभी वहां शिवनारायण कुशवाह, सच्चिदानंद कुशवाह और आनंद कुशवाह वहां आ गए उनके साथ कुछ और लोग भी थे। इन लोगों ने सीमांकन बंद करने के लिए कहा और विवाद करने लगे।
पटवारी ने कहा कि मेरे साथ राजस्व निरीक्षक होतम सिंह और अन्य स्टाफ भी था, मैंने तहसीलदार कोर्ट का आदेश दिखाया तो ये भड़क गए और किसी भी तरह का सीमांकन नहीं करने की चेतावनी दी साथ ही, हाथ से नक्शा छीनकर फाड़ दिया। घटना के बाद पटवारी सुनील शर्मा ने बिलौआ थाने में इन लोगों के खिलाफ शिकायत की।
बिलौआ थाना प्रभारी रमेश शाक्य ने बताया कि पटवारी की शिकायत पर पुलिस ने शासकीय कार्य में बाधा, मारपीट सहित अन्य धाराओं में मामला दर्ज कर एक आरोपी शिवनारायण कुशवाह को गिरफ्तार कर लिया है , आरोपीगणआरएनएस कॉलेज के संचालकगण हैं।
उधर मध्य प्रदेश पटवारी संघ के ग्वालियर जिला अध्यक्ष ज्ञान सिंह राजपूत ने कहा है कि अगर इस तरह से पटवारियों पर दवाब डाला गया और उनके साथ मारपीट हुई तो काम करना मुश्किल होगा। पटवारी संघ पटवारियों की सुरक्षा के लिए वरिष्ठ अधिकारियों से मांग करेगा ताकि भविष्य में इस तरह की घटना की पुनरावृत्ति न हो।
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Atul Saxena
पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....
पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....