जीएसटी अधिकारी के घर में चोरों ने लगाईं सेंध, लाखों के जेवर और कैश चोरी कर फरार

पुलिस को अंदेशा है कि चोरी की वारदात रेकी कर की गई है क्योंकि जितनी देर घर सूना था उतनी ही देर में चोर वारदात को अंजाम देकर फरार हुआ है, ऐसा दिखाई दे रहा है कि चोर को पहले से मालूम था कि परिवार कब जायेगा और कब वापस लौटेगा।

Atul Saxena
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Gwalior News : ग्वालियर में सक्रिय शातिर चोरों में एक बार फिर पुलिस को चुनौती दी है, चोरों ने एक जीएसटी अधिकारी के घर को उस समय निशाना बनाया जब पूरा परिवार शादी में गया था, मौका पाकर चोर अन्दर घुसे, अलमारी के ताले तोड़े और उसमें रखे सोने चांदी के गहनों सहित घर में रखा साढ़े तीन लाख रुपये कैश चोरी कर फरार हो गए, पुलिस से शिकायत दर्ज कर चोरों की तलाश के प्रयास शुरू कर दिए हैं।

जानकारी के मुताबिक गोले का मंदिर थाना क्षेत्र के इन्द्रमणि नगर में रहने वाले मनोज कुमार जीएसपी अधिकारी है, कल उनकी बहन की शादी थी तो पूरा परिवार सिटी सेंटर स्थित सिल्वर ओक होटल गया था, ये लोग शाम करीब साढ़े सात बजे निकले और जब देर रात ढाई बजे लौटे तो उनके होश उड़ गए , उनके घर का ताला टूटा हुआ था, अलमारी बिखरी पड़ी थी उसमें रखे सोने चांदी के गहने और कैश गायब था।

घर में चोरी होने से शादी का माहौल गम में बदल गया, महिलाएं रोने लगी, उनकी जीवन भर के मेहनत की कमाई कोई कुछ देर में चोरी कर भाग गया, मनोज कुमार ने गोले का मंदिर थाने पहुंचकर चोरी की रिपोर्ट दर्ज कराई, शिकायत में उन्होंने कहा कि चोर घर में रखे करीब 10 तोला वजन के सोने के गहने और एक किलो चांदी के गहने सहित घर में रखा साढ़े तीन लाख कैश चोरी कर भाग गए, चोरी गए  सामान की कुल कीमत करीब 10 लाख रुपये बताई गई है।

एडिशनल एसपी निरंजन शर्मा ने बताया कि जीएसटी अधिकारी की शिकायत पर मामला दर्ज कर लिया गया है, पुलिस आसपास के सीसीटीवी चैक कर रही है, उन्होंने कहा कि जल्दी ही आरोपी पकड़े जायेंगे, पुलिस को अंदेशा है कि चोरी की वारदात रेकी कर की गई है क्योंकि जितनी देर घर सूना था उतनी ही देर में चोर वारदात को अंजाम देकर फरार हुआ है, ऐसा दिखाई दे रहा है कि चोर को पहले से मालूम था कि परिवार कब जायेगा और कब वापस लौटेगा।

ग्वालियर से अतुल सक्सेना की रिपोर्ट 


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ.... पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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