ग्वालियर। भ्रष्टाचार के मामले में दोषी पाए गए दो पटवारियों को कलेक्टर ने बर्खास्त कर दिया है। इसमें से एक मामला 2014 में और दूसरा 2015 में दर्ज हुआ था। और इसी साल एक में जून और दूसरे में अगस्त में सजा हुई थी। खास बात ये है कि दोनों ही मामलों में पटवारियों ने रिश्वत नहीं ली लेकिन रिश्वत की मांग वाली रिकॉर्डिंग के आधार पर कार्रवाई हुई।
भ्रष्टाचार से जुड़े दो अलग अलग मामलों में दोषी ग्वालियर जिले की भितरवार तहसील के रौरा में पदस्थ पटवारी महेन्द्र रावत और मुरार तहसील में पदस्थ पटवारी स्वाति दुबे को कलेक्टर ने बर्खास्त कर दिया है। लोकायुक्त पुलिस ने महेन्द्र रावत के खिलाफ 2014 में और स्वाति दुबे के खिलाफ 2015 में मामला दर्ज किया था। दोनों पर नामांतरण के मामले में रिश्वत मांगने के आरोप थे । दोनों पटवारियों ने फरियादियों से जमीन के नामांतरण के एवज में मोटी रकम मांगी थी। हालांकि पटवारियों ने रिश्वत नहीं ली लेकिन दोनों ही मामलों में फरियादियों ने रिश्वत मांगने की ऑडियो रिकॉर्डिंग लोकायुक्त में पेश की। जिसके बाद लोकायुक्त की जांच के बाद महेन्द्र रावत को इसी साल जून में और स्वाति दुबे को अगस्त में तीन तीन साल की सजा सुनाई गई। सजा के बाद एसपी लोकायुक्त ने कलेक्टर ग्वालियर को इसकी सूचना दी थी जिसके बाद बर्खास्तगी की कार्रवाई की गई।