सैम्पलिंग के लिए रोका तो भड़के तहसीलदार, महिला स्वास्थ्यकर्मी को दिया धक्का, मामला दर्ज 

Atul Saxena
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ग्वालियर, अतुल सक्सेना। कोरोना की जाँच के लिए रेलवे स्टेशन पर की जा रही सैम्पलिंग (Corona Sampling) टीम में शामिल महिला स्वास्थ्यकर्मिर्यों (female health worker)के साथ दो लोगों ने अभद्रता कर दी। स्वास्थ्यकर्मियों का कहना है कि खुद को तहसीलदार बताते हुए उस व्यक्ति ने उसे जोर से धक्का दिया, मोबाइल छीनकर फेंक दिया और जबरदस्ती गेट के बाहर निकल गए। पूरी घटना सीसीटीवी में कैद हो गई, मामले की शिकायत जीआरपी में की गई है। पुलिस सीसीटीवी फुटेज के आधार पर अभद्रता करने वालों की तलाश कर रही है।

कलेक्टर के निर्देश पर रेलवे स्टेशन पर यात्रियों के सैम्पल लेकर टेस्ट के लिए भेजे जा रहे हैं जिससे यदि कोई संक्रमित मिले  उपचार किया जा सके।  जिला अस्पताल की टीम यहाँ सेम्पलिंग कर रही है जिसमें महिला स्वास्थकर्मी भी शामिल हैं। आज सोमवार को ये टीम लोगों को रोक रही थी तभी दो लोग बीमा मास्क पहने प्लेटफार्म पर घुसने की कोशिश करने लगे जब टीम की सदस्य ने उन्हें रोका तो व्यक्तियों ने महिला स्वास्थ्यकर्मी को धक्का दिया, मोबाइल छीनकर जमीन पर फेंक दिया और फिर दोनों व्यक्ति वहां से भाग गए और एक व्यक्ति जाते जाते कहकर गया कि मैं तहसीलदार हूँ तू मेरा कुछ नहीं कर सकती।  महिला स्वास्थ्यकर्मी ने ये भी कहा कि कुछ लोगों ने आज उनकी टेबल भी तोड़ दी वाइल फेंक दी। पीड़ित महिला स्वास्थ्यकर्मियों ने मामले की शिकायत जीआरपी थाने में की है।

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जीआरपी सीएसपी शोभा श्रीवास्तव ने कहा कि  महिला स्वास्थ्यकर्मियों ने तहसीलदार और उनके ड्राइवर के द्वारा अभद्रता करने की शिकायत की है।  शिकायत के आधार पर मामला दर्ज किया गया है। घटना सीसीटीवी में कैद हुई है गाड़ी के नंबर के आधार पर पता लगाया जा रहा है कि कौन अधिकारी थे किस जिले के थे।  उन्हें बुलाकर पूछताछ की जाएगी।


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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