भाजपा को झटका, अब इस बड़े नेता ने दिया पार्टी से इस्तीफा, मंत्री कमल पटेल पर लगाये गंभीर आरोप

Atul Saxena
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MP Election 2023

MP Election 2023 : मप्र विधानसभा चुनाव के लिए 17 नवम्बर को मतदान होगा, जिन प्रत्याशियों को टिकट मिल गया है वो अपने प्रचार में जुट गए है लेकिन जिन्हें टिकट नहीं मिला वो नाराज है और आक्रोश जता रहे हैं , कहीं ये आक्रोश प्रदर्शन के रूप में सामने आ रहा है तो कहीं ये आक्रोश इस्तीफे के रूप में सामने आ रहा है, इसी क्रम में भाजपा को आज एक बड़ा झटका लगा है।

हरदा जिले में भाजपा के दूसरे नंबर के बड़े नेता कहलाने वाले सुरेन्द्र जैन ने आज दशहरे के दिन भाजपा की प्राथमिक सदस्यता सहित सभी पदों से इस्तीफा दे दिया। सुरेन्द्र जैन ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान रोते हुए पार्टी से इस्तीफा दिया और कहा कि जिस पार्टी के लिए जी जान लगा दी उसके सिद्धांतों को जीवन में आत्मसात किया आज उसे छोड़ते हुए बहुत दुःख हो रहा है । सुरेंद्र जैन कृषि मंत्री कमल पटेल को हरदा से टिकट दिए जाने से नाराज थे वे भी इस सीट से दावेदार थे, उन्होंने पार्टी पर उनकी उपेक्षा का आरोप लगाया।

कृषि मंत्री कमल पटेल पर लगाए गंभीर आरोप

सुरेन्द्र जैन दो बार नगर पालिका अध्यक्ष रहे हैं हरदा क्षेत्र के बड़े भाजपा नेता हैं, उन्होंने कहा कि सर्वे में उनका नाम था लेकिन पार्टी ने उसे अनदेखा कर दिया, उन्होंने मंत्री कमल पटेल पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि आज हरदा में मंत्री के संरक्षण में नकली खाद, नकली कीटनाशक का कारोबार चल रहा है, हर तरह जुआ सट्टा, नशे का अवैध कारोबार है जिसमें युवा का भविष्य बर्बाद हो रहा है।

कमल पटेल को वोट नहीं देने की अपील

सुरेन्द्र जैन ने कहा कि कमल पटेल मेरा पुराना दोस्त है लेकिन आज उसमें  अहंकार आ गया है। उन्होंने पंडित दीनदयाल उपाध्याय की पॉलिटिकल डायरी के पेज 151 दि. 11 दिसंबर 1961 को दोहराते हुए कहा कि कोई बुरा प्रत्याशी केवल इसलिए आपका वोट पाने का दावा नहीं कर सकता कि वह किसी अच्छे दल की ओर से खड़ा है। दल के हाईकमान ने ऐसे व्यक्ति को टिकट देते समय पक्षपात किया होगा। अत ऐसी गलती को सुधारना मतदाता का कर्तव्य है। उन्होंने इसे बार-बार दोहराते हुए वोटरों से हाईकमान की इस गलती को सुधारने का आग्रह किया।

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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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