Harda News : मध्य प्रदेश के हरदा जिले में अतिक्रमणकारियों के खिलाफ प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई की है जहाँ ग्राम गौदागाव स्थित प्राचीन श्री गंगेश्वरी मठ की 110 एकड़ भूमि को अतिक्रमण मुक्त कराया।
बता दें कि ग्राम गौदागाव स्थित प्राचीन श्री गंगेश्वरी मठ की इमारत अपनी विरासत को समेटे आज भी शान से खड़ी है। कभी इस मठ के पास सात हजार एकड़ जमीन थी जो धीरे-धीरे सिमटकर आज ढाई सौ एकड़ तक सीमित हो गई है। व्यवस्थागत कमियों और मठाधीशी की उदासीनता के चलते इसकी लुप्त होती चीजों को देखते हुए इसके अस्तित्व पर खत मंडरा रहा था। यह बात कम ही लोग जानते है कि सीहोर जिले के सलकनपुर स्थित प्रसिद्ध बिजासन देवी माता के मंदिर संचालन पहले इसी मठ से होता था। मंदिर की देखरेख के अलावा वहां का चढ़ावा इसी मठ में आता था। बाद में समकनपुर माता मंदिर को ट्रस्ट के हवाले कर दिया गया। मठ के पास पहले सात हजार एकड जमीन थी।
मठ की जमीन पर कई लोगों ने कब्जा कर रखा है। जिसके प्रकरण भी चल रहे है। इसके अलावा एक क्विटल चांदी, एक क्विटल घोड़े के जेवर, ढाई किलो सोना भी था। परंतु कुछ मठ के ही लोगों ने इन्हे बर्बाद कर दिया।
यह है संगम स्थल
इलाहाबाद की गंगा, जमुना और सरस्वती की भांति यहां गोद्यगांव गंगेश्वरी में भी तीन नदियों नर्मदा, गंजाल और गोमती का संगम स्थल है। परंतु यहां पर तीनों नदियाँ अपने मूल अस्तित्य में ही सतत कम-काल कर बह रही है। इसके अलावा तीन जिलों हरदा के अलावा होशंगाबाद और सीहोर जिले का मेल भी दिखाई देता है।
मठ के पहले महंत ने ली थी समाधि
मठ के पहले महंत स्वामी अमृतानंद भारती रहे जिन्होंने 1740 में जीवित समाधि ले ली थी। उनकी धूनी आज भी सतत रूप से प्रज्वलित है। इसके बाद उनकी शिष्या हीराबाई भारती, महत निरंजन भारती, महंत हंस भारती ने मठ का कार्यभार संभाला। इन्होंने ही 1815 में मठ की निर्माण कार्य कराया था। इसके बाद महंत पदम आरती, महंत मौज आरती, महंत धनराज आरती, शिष्य बालकिशन आरती, महंत मनोहर आरती, महंत नारायण भारती, महंत राम भारती और फिन बालकृष्ण आरती रहे। महंत बालकृष्ण भारती और शिवशंकर भारती के बीच लगभाग चालीस वर्षों तक इसके कार्यभार को लेकर विवाद चलता रहा। न्यायालय के आदेश पर बालकृष्ण भारती को पद से हटा दिया गया। यही वह दौर रहा जिससे मठ को काफी नुकसान उठाना पड़ा। विश्वेश्वर आरती के महंत बनने के बाद जहों की भूमि एवं सम्पति को काफी नुकसान पहुंचा है। वर्तमान महंत श्री विष्णुभारती है। जिनसे इस मठ की अकेले देख रेख नहीं हो पा रही थी। इसलिए उन्होंने स्वेच्छा से न्यासियों की नवीन समिति बनायी है। जिसमें विवेक मुस्कुटे टिमरनी को मठ संचालन के लिए अध्यक्ष मनोनित किया है।
भूमि को कराया अतिक्रमण मुक्त
श्री गंगेश्वरी मह ग्राम विरजाखेडी तह टिमरनी जो कि लोक त्यास पंजी में क्रमांक 140/72 पर दर्ज है। दिनांक 02/12/2024 को श्री गंगेत्री मठ ग्राम बिरजाखेड़ी की नवीन कार्यकारणी गठन हुआ। जिसकी बैठक दिनांक 12 दिसंबर 2024 को सम्पन्न हुई। जिसमें अध्यक्ष एवं कार्यकारणी द्वारा ट्रस्ट की 220 एकड़ भूमि में से 110 एकड़ भूमि पर किए गये अतिक्रमण को चिन्हांकित करने एवं हटाने हेतु कलेक्टर को आवेदन प्रस्तुत किया गया। कलेक्टर के निर्देश पर ट्रस्ट का रिकार्ड देखा। सीमांकन की टीप बनाई एवं पुलिस बल के साथ भूमि को अतिक्रमण मुक्त कराया।