पूर्व डकैत की जमीन के मामले में HC ने लगाया सरकार पर 20,000 का जुर्माना, ये है मामला

Atul Saxena
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ग्वालियर, अतुल सक्सेना। पूर्व डकैत की जमीन के मामले में जवाब नहीं पेश करने पर मध्यप्रदेश हाईकोर्ट (MP High court) की ग्वालियर बेंच (Gwalior Bench) ने सरकार को कड़ी फटकार लगाते हुए 20,000 रुपये का जुर्माना लगाया है। हाई कोर्ट ने आदेश दिया है कि सुनवाई के दौरान सरकार के ओआईसी (OIC) उपस्थित रहें और यदि उपस्थित नहीं होते हैं तो उन्हें जमानती वारंट से तलब किया जाये। मामले की अगली सुनवाई 10 अगस्त को होगी।

दस्यु सुंदरी फूलन देवी के सरपरस्त रहे दस्यु सम्राट बाबा मुस्तकीम के भाई दस्यु सरगना मुस्लिम खान की जमीन के एक मामले में उससे संबंधित दस्तावेज पेश नहीं करने पर ग्वालियर हाईकोर्ट (High court) ने मध्यप्रदेश शासन को कड़ी फटकार लगाई है। एडवोकेट उमेश बोहरे ने एमपी ब्रेकिंग न्यूज़ को जानकारी देते हुए बताया कि मूलतः उत्तरप्रदेश के निवासी मुस्लिम खान को 1982 में भिंड के उमरी थाना क्षेत्र में पुलिस ने एनकाउंटर में गिरफ्तार किया था।  बाद में शासन ने मुस्लिम खान को ग्वालियर जिले के दुइया गांव में 10 बीघा दी थी।

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पिछले कुछ वर्षों में पूर्व डकैत मुस्लिम खान की माली हालत खराब हो गई। वो शासन द्वारा दी गई जमीन को बेचना चाहता है। लेकिन कलेक्टर ग्वालियर ने उस जमीन को बेचने पर रोक लगा दी । कलेक्टर ग्वालियर के आदेश को मुस्लिम खान ने हाईकोर्ट में चुनौती दी। उन्होंने अपने वकील उमेश बोहरे के माध्यम से पिटीशन लगाई। पिटीशन के  संबंध में कोर्ट की तरफ से शासन को नोटिस जारी किए गए। साथ ही जवाब मांगा गया। लेकिन शासन की तरफ से जवाब पेश नहीं किया गया।

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मामले की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने शासन द्वारा जवाब पेश नहीं किये जाने पर नाराजगी जताई, शासन की तरफ से पेश वकील ने जवाब पेश करने के लिए कोर्ट से समय मांगा जिस पर कोर्ट ने समय तो दे दिया लेकिन सरकार पर  20,000 रुपये का जुर्माना लगा दिया और आदेश दिया कि कि सुनवाई के दौरान सम्बंधित विभाग के ओआईसी उपस्थित रहें और यदि वे उपस्थित नहीं होते हैं तो उन्हें जमानती वारंट से तलब किया जाये।

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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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