Accident- तेज रफ्तार वाहन ने डोलरिया थाने के कॉन्स्टेबल को रौंदा,अस्पताल में मौत

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होशंगाबाद/ इटारसी, राहुल अग्रवाल। अंधी रफ्तार से सड़क और दौड़ते वाहन लोगों की जान ले रहे। रोजाना हो रहे हादसे ज्यादातर रेत के डंपर और ट्रालियों से ही हो रहे है। ताजा घटनाक्रम होशंगाबाद जिले के डोलरिया थाने में पदस्थ एक कांस्टेबल की बीती रात सड़क दुर्घटना में मौत हो गयी, उसे किसी तेज रफ्तार वाहन ने उस वक्त रोंद दिया जब वह अपनी ड्यूटी खत्म करके बाइक से अपने घर टिमरनी जा रहा था। पगढाल के पास एक पिकअप वाहन ने उसे टक्कर मार दी। घटना की सूचना मिलते ही पुलिस महकमें में शोक छा गया।

मिली जानकारी के अनुसार सिवनी मालवा के डोलरिया थाने में पदस्थ कांस्टेबल उदित सोनपुरे बीती रात राजमार्ग पर बाइक से जा रहा था कि किसी तेज रफ्तार पिकअप वाहन ने उसे रोंद दिया। उसे होशंगाबाद में एक अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां उपचार के दौरान उसकी मौत हो गयी। उदित 2017 में ही पुलिस में भर्ती हुआ था। उदित की मौत पर डोलरिया थाना प्रभारी हेमलता मिश्रा ने बताया कि उदित की डोलरिया थाने में पहली पोस्टिंग थी। वह बहुत कर्मठ था और सभी प्रकार के नशे से दूर था, उसके साथ इस तरह की घटना से पूरा स्टाफ स्तब्ध है।


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Gaurav Sharma

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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है। इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।