Lok Sabha Election 2024 : जयंत मलैया ने किया मतदान, दूल्हे ने भी डाला वोट, की वोट अपील
दूल्हा तुलसीराम रैकवार भी परिजनों के साथ मतदान के लिए पहुंचा उसने कहा मुझे हल्दी लगी है मेरी शादी है घर में रस्में चल रही हैं लेकिन मतदान भी एक जिम्मेदारी है मैं उसे मैं पहले पूरी करने आया हूँ। दूल्हे ने अपील करते हुए कहा कि सारे काम छोड़ दो सबसे पहले वोट दो।
Lok Sabha Election 2024 : मध्य प्रदेश में दूसरे चरण के मतदान के लिए सुबह से ही वोटिंग शुरू हो गई मतदान केंद्र पर मतदाताओं की लम्बी लम्बी लाइनें देखी जा रही हैं, मतदाताओं में उत्साह दिखाई दे रहा है, पूर्व वित्त मंत्री जयंत मलैया भी हमेशा की तरह सुबह सुबह मतदान करने पहुंचे, एक दूल्हा भी अपने मताधिकार का प्रयोग करने पहुंचा, उसने मतदाताओं से सारे काम छोड़कर सबसे पहले मतदान करने की अपील भी की।
दमोह लोकसभा सीट के लिए मतदान करने हेतु सुबह से ही मतदाता कतारो में लगे हुए नजर आए। मध्य प्रदेश शासन के पूर्व वित्त मंत्री एवं भाजपा विधायक जयंत मलैया हमेशा की तरह इस बार ही सुबह सुबह सुबह 7:00 बजे अपने मतदान केंद्र पर मतदान करने के लिए पहुंचे।
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जयंत मलैया जब मतदान केंद्र पर पहुंचे तो वहां लाइन में मतदाता खड़े थे लेकिन मतदान शुरू नहीं हुआ था जिसपर उन्होंने पोलिंग ऑफिसर को बुलाया और मतदान शुरू करने में में देरी होने पर फटकार भी लगाई और जल्दी मतदान शुरू करने के निर्देश दिए, जयंत मलैया की नाराजगी देख जल्दी से मतदान शुरू किया गया।
उन्होंने लाइन में लगकर मतदान किया। साथ ही लोगों से मतदान की अपील भी की। उन्होंने यह भी कहा कि भारतीय जनता पार्टी इस बार 400 पार करेगी। दमोह में मतदान केंद्रों पर लम्बी लम्बी लाइन सुबह से ही दिखाई दे रही हैं, मतदाताओं के उत्साह का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि एक दूल्हा अपनी शादी की रस्मों के बीच पहले मतदान करने पहुंच गया।
दूल्हा तुलसीराम रैकवार भी परिजनों के साथ मतदान के लिए पहुंचा उसने कहा मुझे हल्दी लगी है मेरी शादी है घर में रस्में चल रही हैं लेकिन मतदान भी एक जिम्मेदारी है मैं उसे मैं पहले पूरी करने आया हूँ। दूल्हे ने अपील करते हुए कहा कि सारे काम छोड़ दो सबसे पहले वोट दो।
दमोह से दिनेश अग्रवाल की रिपोर्ट
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Atul Saxena
पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....
पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....