होशंगाबाद, राहुल अग्रवाल। कोरोना काल (Corona era) में सरकार के निर्देश पर अन्य प्रतिबन्ध के साथ साथ रेल संचालन (Railway operation) पर भी प्रतिबन्ध था।इस दौरान ट्रेनों को करीब 5 महीने तक बन्द रखा गया ताकि संक्रमण न फैले पर जबसे ट्रेन और बस सेवा चालू हुई है तब से कोरोना संक्रमण (Corona infection)की रफ़्तार भी तेज हो गई है,बावजूद इसके रेलवे की अव्यवस्था यात्रियों के लिए ,मुसीबत का कारण बन रही है ।
रेलवे ने कोरोना से बचाव के लिए जनरल कोच तो बंद कर दिए पर मध्यम वर्ग व गरीब वर्ग के लिए कोई सुविधा नहीं दी उल्टा उन्हें परेशानी में ही डाला है। ऐसा ही नजारा मध्यप्रदेश के सबसे व्यस्ततम रेल जंक्शन इटारसी में रिजर्वेशन काउंटर पर देखने को मिल रहा है। यहाँ आरक्षित टिकट की बुकिंग के लिए सिर्फ 2 कॉउंटर हैं चूँकि यहाँ भीड़ बहुत रहती है इसलिए कोरोना को खतरा भी रहता है लेकिन रेलवे प्रशासन का इस ओर कोई ध्यान नहीं है ,यात्री कोरोना संक्रमण के भय के बीच यहाँ 2-2 घंटे खड़े होकर अपनी बारी का इंतजार करते हैं । साथ ही जिन यात्रिओ को आरक्षित फार्म भरना नही आता उन्हें भी खासी परेशानी हो रही इटारसी से उज्जैन की यात्रा कर रहे भूपेश नामदेव से बात हुई तो उन्होंने बताया कि वो ज्यादा पढ़े लिखे नहीं है। और उन्हें फार्म समझ नही आरहा कैसे भरें, कोरोना के कारण कोई मदद भी नहीं कर रहा और ना ही रेलवे हम जैसे लोगों पर ध्यान दे रहा, भीड़ में कोरोना का खतरा है सो अलग पर रेलवे को कमाई से मतलब है यात्रियों की सेहत से नहीं।