इटारसी, राहुल अग्रवाल| होशंगाबाद (Hoshangabad) जिला ही नहीं वरन मध्य प्रदेश (Madhyapradesh) का सबसे चर्चित और अनूठा तीन दिवसीय आयोजन श्री राम विवाह महोत्सव (Ram Vivah Mahotsav) इस वर्ष कोरोना (Corona) के चलते देवल मंदिर में ही संपन्न किए जाएंगे। इस वर्ष द्वारकाधीश बड़ा मंदिर से निकलने वाली भगवान श्री राम की विशाल बारात नही निकाली जाएगी और ना ही सामूहिक विवाह संपन्न होंगे। देवल मंदिर काली समिति के तत्वाधान में प्रति वर्ष 17, 18 एवं 19 दिसंबर को आयोजित होने वाला श्री राम विवाह महोत्सव इस बार कोरोना गाइडलाइन के चलते संपन्न नहीं हो पाएगा।
आज हुई देवल मंदिर काली समिति की बैठक मैं निर्णय लिया गया कि राम विवाह में शामिल होने वाले वर-वधू जिनका पंजीयन समिति में होता है वह अपने घर से ही विवाह संपन्न कराएंगे और विवाह संपन्न कराने में समिति उन्हें यथा सम्भव सहयोग करेगी। राम विवाह की बारात इस वर्ष द्वारकाधीश बड़ा मंदिर से नहीं निकाली जाएगी देवल मंदिर परिसर से बारात निकालकर देवल मंदिर पर ही संपन्न होगी। राम विवाह महोत्सव देवल मंदिर के प्रांगण में संपन्न किया जाएगा। इस वर्ष भंडारा नहीं करने का निर्णय कोरोना के चलते समिति के द्वारा लिया गया है तीन दिवसीय कार्यक्रम 17 दिसम्बर को मंडप , 18 को सत्यनारायण कथा , चीगट तथा मायना, 19 दिसम्बर को अंखण्ड कीर्तन सुबह 7 बजे से, राम जी के विवाह को सम्पन्न कराने के लिए विधि विधान से पूजन किया जाएगा। कार्यक्रम देवल मंदिर में ही संपन्न किए जाएंगे मंदिर समिति के सदस्यों ने जानकारी देते हुए बताया इटारसी सहित प्रदेश के ग्रामीण अंचलों से गरीब परिवार के लोग इस आयोजन में अपनी पुत्र एवं पुत्री का विवाह संपन्न कराते हैं लेकिन इस वर्ष कोरोना के चलते तथा प्रशासन की गाइडलाइन को देखते हुए सामूहिक विवाह एवं भंडारा सहित राम जी की बारात नहीं निकाली जाएगी। आयोजन तीन दिवसीय सारे आयोजन देवल मंदिर में ही संपन्न किए जाएंगे।
निकलती है दो किलोमीटर लंबी राम बारात हज़ारो जोड़ो की हो चुकी शादियां
प्रतिवर्ष होने बाले राम विवाह महोत्सव का इंतजार पूरा जिला करता है। क्योंकि राम विवाह पूर्ण रूप से निशुल्क होता है। और इसमें जो भी जोड़े विवाह बंधन में बधते है। उन्हें गृहस्थी का सारा सामान दिया जाता है। राम विवाह में निकलने बाली बारात लगभग 2 किलोमीटर लंबी होती है। साथ ही आस पास के जिलों से भी लोग यहां आते हैं। भीड़ में संक्रमण न फैले इसी दृष्टि से इस साल समारोह सादे रूप में ही करने का निर्णय समिति ने लिया है।