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बेधड़क चल रहा इटारसी में रेत चोरी का काम, प्रशासन नहीं ले रहा सुध

होशंगबाद/इटारसी,राहुल अग्रवाल। जिले में केवल 9 रेत खदानों को ही खोलने की अनुमति दी गई है। बाकी की रेत खदानों की रेत ट्राली संचालकों की नजरों में गड़ रही है। मरोड़ा या ग्वाड़ी की रेत खदान हो या फिर कोई अन्य रेत खदान इन सब जगहों पर माइनिंग और पुलिस विभाग की सांठगांठ से रेत चोरी का काम बेधड़क चल रहा है। जिम्मेदारों की हथेलियों में कड़क-कड़क हरी पत्तियों का बंडल आने के बाद उनकी रेत चोरों को देखने की क्षमता खत्म हो जाती है। इन खदानों पर हर रात को 7 बजे से सुबह 7 बजे तक रेत चोरी का खेल चल रहा है।

रामपुर पुलिस के आशीर्वाद और खनिज विभाग के जिम्मेदारों की कृपा से रेत चोरी का काम फलफूल रहा है। एक दर्जन से ज्यादा रेत चोर ट्रॉली संचालक इस वक्त रामपुर थाना क्षेत्र की खदानों पर सक्रिय हैं। जिससे पुलिस और रेत चोर दोनों का ही भला हो रहा है। रेत चोरी के खेल में रामपुर पुलिस और शहर में खाकीधारी काटता एंट्री का टोकन सांठगांठ के चलते माइनिंग विभाग के जिम्मेदार भी कर रहे हैं इसकी अनदेखी। सुबह 6 बजे तक लगातार यहां माइनिंग चल रही है।वहीं इन खदानों पर अगर रॉयल्टी चालू हो जाती है तो आम जनता को सस्ती रेत मिल सकेगी। वहीं अगर इसमें ज्यादा देरी हुई तो आम आदमी रेत लूटने के लिए मजबूर हो जाएगा।

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Gaurav Sharma

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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है। इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।