इटारसी : नगर का मुख्य चौराहा बना पार्किंग स्टेण्ड ,लोगों को हो रही समस्या

Gaurav Sharma
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होशंगाबाद/इटारसी, राहुल अग्रवाल। नगर के सबसे व्यस्ततम क्षेत्र जयस्तंभ चौक को ऑटो,फल के ठेले व चारपाहिया वाहनों द्वारा पूरा रास्ता जाम कर लिया गय हैं। लोगों को पैदल भी निकलने में परेशनियां हो रही है। जबकि अनुविभागीय अधिकारी द्वारा इस पूरे क्षेत्र को नो पार्किंग और फल व ओटो वालों के लिए प्रतिबंधित किया गया है। उसके बाद भी हाल जस के तस बने हुए हैं। फल वालों को फल मंडी में चबूतरे वितरित करने के बाद भी शहर में यह ठेले वाले घूमकर ही अपना व्यापार कर रहे है। साथ ही प्रशासन जब कोई मुहिम चलती है तो यह लोग वहां से गायब हो जाते हैं। ट्रैफिक विभाग भी सुस्त रवैया अपना रहा है। केवल अधिकारियों के साथ ही कार्रवाई करते है। बाकी समय ट्रैफिक पुलिस दिखाई भी नहीं देती जिसका परिणाम है कि ओटो वाले बेखौफ मुख्य बाजार में खड़े रहते है।

जयस्तंभ क्षेत्र बन गया पार्किंग जोन

शहीद स्मारक जयस्तंभ चौक इन दिनों चारपहिया वाहनो की पार्किंग बन गया है। ट्रैफिक पुलिस और नगरपालिका केवल तभी कार्रवाई करती है जब तक एसडीएम साथ होते है। उनके जाने के बाद सब इधर उधर हो जाते।

2 महीने में एसडीएम ने बाजार को कर दिया था व्यवस्थित

दो महीने पहले आये अनुविभागीय दंडाधिकारी राजस्व मदन सिंह रघुवंशी ने आते ही शहर की बेतरतीब व्यवस्था को पटरी पर लाने का काम शुरू कर दिया था। साथ ही बाजार में फैले अतिक्रमण को लगभग खत्म ही कर दिया था। पर दीवाली के बाद प्रशासनिक व्यवस्था में व्यस्तता की वजह से उनके नहीं आने से नगरपालिका कर्मचारियों और ट्रैफिक अमले ने भी बाजार की व्यवस्था पर विशेष ध्यान नहीं दिया, जिसके परिणाम है यह तस्वीर।

इटारसी : नगर का मुख्य चौराहा बना पार्किंग स्टेण्ड ,लोगों को हो रही समस्या


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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

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