पचमढ़ी हवाई पट्टी विवादों में, टाइगर रिजर्व क्षेत्र में बिना अनुमति निर्माण का आरोप, जिम्मेदार मौन

कैप्टन ब्रजेश कुमार भारद्वाज का कहना है कि इस हवाई पट्टी को बनाकर सरकार पर्यटन को बढ़ावा देना चाहती है यानि यहाँ एयर ट्रेफिक बढ़ेगा, यात्रियों की संख्या बढ़ेगी, बड़े बड़े जहाज आएंगे जो यूनेस्को द्वारा संरक्षित इस जैव विविधता वाले क्षेत्र को नुकसान पहुंचा सकते हैं, इतना ही नहीं शेड्यूल वन में आने वाले संरक्षित वन्य जीव टाइगर के लिए भी खतरा बन सकते हैं इसलिए इसपर तुरंत रोक लगाना चाहिए।

Pachmarhi airstrip

Pachmarhi airstrip : मध्य प्रदेश के हिल स्टेशन पचमढ़ी में पुरानी हवाई पट्टी को विस्तारित कर उसे नया बनाने का मामला विवादों में घिर गया है, एक जागरूक व्यक्ति और वन्यजीव प्रेमी ने इस पर आपत्ति जताते हुए भारत सरकार और प्रदेश सरकार के विभिन्न विभागों को पत्र लिखकर, आवेदन लगाकर इस पर रोक लगाने की मांग की है, उनका कहना हैं कि हवाई पट्टी से एयर ट्रेफिक बढ़ेगा जिससे न सिर्फ जैव विविधता को नुकसान होगा बल्कि शेड्यूल वन के तहत संरक्षित वन्यजीव टाइगर को भी खतरा होगा।

पचमढ़ी हवाई पट्टी निर्माण पर विवाद 

मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले के निवासी वन्यजीव प्रेमी कैप्टन ब्रजेश कुमार भारद्वाज ने पचमढ़ी हवाई पट्टी का मुद्दा उठाकर शासन का ध्यान इस तरफ आकर्षित किया है उन्होंने कहा है कि पचमढ़ी की हवाई पट्टी का 1200 मीटर से 1800 का ईको सेंसटिव जोन में विस्तार किया जाना उचित नहीं है, उन्होंने कहा है कि ये हवाई पट्टी टाइगर के लिए संरक्षित एरिया सतपुड़ा टाइगर रिजर्व से महज 300 मीटर दूर है।


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Atul Saxena

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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ.... पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....