नेता जी की मनमर्जी, तबादला कर जूनियर को बनाया सीनियर का बॉस, वन कर्मचारी संघ नाराज

Atul Saxena
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MP Transfar : चुनावी वर्ष में मप्र सरकार ने 7 जुलाई तक कर्मचारियों के तबादले करने के आदेश दिए थे। आदेशों के तहत 7 जुलाई को तबादलों की अंतिम लिस्ट जारी हुई । वन विभाग की जो लिस्ट सामने आई उसमें बहुत खामियां दिखाई दीं, सरकार ने जूनियर को सीनियर का बॉस बना दिया, वन कर्मचारी संघ ने इन तबादलों पर आपत्ति और नाराजगी जताई है।

मप्र में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं, जन प्रतिनिधि अपने हिसाब से कर्मचारियों अधिकारियों की पोस्टिंग चाहते हैं, सरकार ने मंशा की समझते हुए तबादलों की तारीख 30 जून से बढ़ाकर 7 जुलाई कर दी, अब किसी अधिकारी कर्मचारी का तबादला नहीं होगा।

होशंगाबाद वनमंडल में तबादलों की चर्चा 

तबादलों के इस खेल में होशंगाबाद वन मंडल में कुछ ऐसे तबादले हुए जिसकी चर्चा पिछले दो दिनों से हो रही है, प्रभारी मंत्री की अनुशंसा पर विभाग ने जो तबादला आदेश जारी किये उसमें ना सिर्फ खामियां दिखाई दिन बल्कि मप्र शासन की तबादला नीति का मखौल भी उड़ाया गया है।

वन कमर्चारी संघ ने जताई नाराजगी 

7 जुलाई को वन विभाग के तबादला आदेश हुए, इसमें  होशंगाबाद (नर्मदापुरम) वन मंडल की एक सूची जारी जिसपर होशंगाबाद कर्मचारी संघ ने नाराजी और आपत्ति जताई है, संघ के संरक्षक मधुकर चतुर्वेदी के मुताबिक इन तबादलों में शासन ने नियमों को अनदेखा किया और तबादला नीति के प्रावधानों का ध्यान नहीं रखा।

कर्मचारी संघ का आरोप, कर्मचारियों का शोषण कर रहे तबादले 

मधुकर चतुर्वेदी ने एमपी ब्रेकिंग न्यूज़ से बात करते हुए कहा कि प्रभारी मंत्री की अनुशंसा पर हुए तबादले कर्मचारियों के शोषण करने वाले साबित हो रहे हैं, जो सूची सामने आई उसमें शासन ने ऐसे कर्मचारियों का ट्रांसफर कर दिया जिन्हें होशंगाबाद वन मंडल में ट्रांसफर हुए केवल एक साल ही हुआ है, इतना ही नहीं जूनियर कर्मचारियों को सीनियर कर्मचारी का बॉस बना दिया, एक मात्र सर्प विशेषज्ञ को भी वन मंडल से हटा दिया।

नेता जी की मनमर्जी के तबादलों से ट्रांसफर पॉलिसी की उड़ी धज्जियां  

श्री चतुर्वेदी ने कहा कि वन मंडल में केवल वीरेंद्र सुखलिया ही सर्प विशेषज्ञ थे, जो सूचना मिलते ही तत्काल मौके पर पहुंचकर जहरीले कीड़े के भय से जनता को मुक्ति दिला देते थे, लेकिन स्थानीय जन प्रतिनिधि ने उनका तबादला नर्मदापुरम से ही क्यों करा दिया ये खोज का विषय हैं, कर्मचारी संघ के संरक्षक ने कहा कि शासन ने सुखतवा रेंज की गोमती बीट में एक जगह ही दो कर्मचारियों की पोस्टिंग कर दी यहाँ राजेश दुबे की जगह अजय गौड़ और श्री यादव की पोस्टिंग कर दी।

जूनियर कर्मचारी को बना दिया सीनियर कर्मचारी का बॉस 

श्री चतुर्वेदी ने कहा कि शासन ने एक साल पहले ही आये वनपाल श्री डोले  और एक ट्रेंड वनपाल को अपने से जूनियर कमर्चारी के अधीन पदस्थ करवा दिया जो कर्मचारियों का असम्मान है। अब अनुशासन में रहने वाला सीनियर कर्मचारी जूनियर कर्मचारी को सलाम करेगा।

वन कर्मचारी संघ संरक्षक मधुकर चतुर्वेदी ने कहा कि आश्चर्य की बात ये है कि वन विभाग के तबादलों की प्रक्रिया में विभाग के प्रशासकीय मुखिया वन संरक्षक को अलग रखा गया है, जिसके कारण ही ये विसंगतियां हुई है, उन्होंने कहा कि जिस तरह कलेक्टर से वन विभाग के तबादलों में राय ली गई वन संरक्षक से भी सलाह ली जानी चाहिए थी। यदि इस व्यवस्था पर रोक नहीं लगी और जन प्रतिनिधियों की मर्जी से तबादले होते रहे तो कर्मचारियों का ऐसे ही शोषण होता रहेगा, जिससे उनका मनोबल गिरेगा और जंगल की सुरक्षा में लगा रहने वाला कर्मचारी एक अनजाने भय में हमेशा रहेगा।


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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