होशंगबाद/इटारसी, राहुल अग्रवाल। वैसे तो डाक्टर को भगवान का स्वरुप माना जाता है पर इस कोरोना काल ने इस कथन को पूरी तरह से सिद्ध कर दिया है। ऐसे ही एक मामला सामने आया है, जिसमें डॉक्टर ने भगवान बनकर इमली के पेड़ पर फांसी लगा कर आत्महत्या कर रहे युवक को प्राथमिक उपचार देकर उसकी जान बचाई है। साथ ही उसको अस्पताल पहुंचाया,जहां युवक का इलाज जारी है और वो अब खतरे से बाहर है।
दरअसल, घटना शाम 5 बजे की है जब इटारसी-होशंगाबाद मार्ग पर ब्यावरा के पास एक नवयुवक ने इमली के पेड़ पर फांसी लगा ली थी, तथा परिजनों ने उसे फांसी से नीचे उतारा लिया था। तभी रास्ते से गुजर रहे इटारसी माता मंदिर अस्पताल के डॉक्टर अनिल सिंह को रास्ते में ही पूरे मामले की सूचना मिली। खबर लगते ही उन्होंने तुरंत मौके पर पहुंच कर प्राथमिक उपचार देकर उस व्यक्ति को अस्पताल रवाना करवाया। आत्महत्या करने का कारण अज्ञात है। फिलहाल युवक खतरे से बाहर है।युवक का नाम मुकेश पिता इमारत लाल निवासी व्यावरा है । युवक का इलाज होशंगाबाद के नर्मदा हॉस्पिटल में चल रहा है, जहां उसकी हालत खतरे से बाहर बताई जा रही है।