हॉस्टल के छात्र परेशान, कोरोना जांच के नाम पर नहीं मिला रहा भोजन

बड़वानी, हेमन्त नागझिरिया। करीना महामारी के इस काल में सरकार सभी से संजीदगी भरे व्यवहार और मदद की अपील कर रही है लेकिन सरकार की इस अपील का उसी के मुलाजिमों पर कोई असर नहीं हो रहा।  इसका जिवंत प्रमाण मिला बड़वानी जिले के एक कॉलेज के हॉस्टल में यहाँ रहने वाले छात्र भोजन के लिए परेशान हैं लेकिन इनकी चिंता ना हॉस्टल अधीक्षक को है और ना ही प्रिंसिपल को।

बड़वानी जिला मुख्यालय से 16 किलोमीटर दूर अंजड महाविद्यालय के आदिवासी हॉस्टल के छात्र खाना नहीं मिलने से परेशान हैं।  कोरोना काल से बंद पड़ा हॉस्टल शासन के आदेश से 22 फरवरी को शुरू हुआ है। गाइड लाइन के हिसाब से यहाँ आने वाले 5 छात्रों का अंजड़ अस्पताल में कोरोना टेस्ट हुआ जिसमें में तीन छात्रों की रिपोर्ट पॉजिटिव निकली।  छात्रों ने बताया कि रिपोर्ट पॉजिटिव एते ही हमसे कह दिया गया कि आप 15 दिन के लिए घर चले जाओ। जब ठीक हो जाओ तब आना। तीनों छात्र मोटर साईकिल से बड़वानी जिला चिकित्सालय पहुंचे यहाँ जब टेस्ट कराया तो रिपोर्ट नेगेटिव आई है, छात्रों का कहना है कि तीन दिन में ऐसा क्या हो गया कि रिपोर्ट पॉजिटिव से नेगेटिव हो गई। छात्रों ने अजंद अस्पताल की रिपोर्ट पर सवाल उठाये हैं।

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Atul Saxena

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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ.... पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....