कोरोना से मौत हुई तो होगा बड़ा गुनाह, ग्वालियर नगर निगम डेड बॉडी से भी करेगा वसूली!

ग्वालियर, अतुल सक्सेना। संवेदना, संजीदगी, मानवीयता, सहयोग जैसे शब्दों का ग्वालियर नगर निगम (Gwalior Municipal Corporation) के अधिकारियों कर्मचारियों से कोई वास्ता नहीं है, ये हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि ग्वालियर नगर निगम (Gwalior Municipal Corporation) के श्मशान गृह में उसके कर्मचारी डेड बॉडी यानि मृतक शरीर से भी वसूली कर रहे हैं। ताजा मामला लक्ष्मीगंज श्मशान गृह का है। रविवार को यहाँ जब शव अंतिम संस्कार के लिए पहुंचे तो वहां गिद्द जैसी दृष्टि गड़ाए मौजूद ग्वालियर नगर निगम के कर्मचारी 4 से 6 हजार की वसूली करते दिखाई दिए जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है ।

भ्रष्टाचार और अवैध वसूली को लेकर बदनाम हो चुकी ग्वालियर नगर निगम (Gwalior Municipal Corporation) के अधिकारी कर्मचारी अब श्मशान गृह को भी नहीं छोड़ रहे।  यहाँ उन्होंने आपदा में अवसर तलाश लिया है। पिछले दिनों समाजसेवी सुधीर सप्रा के पिताजी श्री कृष्ण लाल शर्मा की सामान्य मौत पर निःशुल्क गैस प्लांट में अंतिम संस्कार की एवज में 1500 रुपये लेकर रसीद नहीं देने का मामला सुर्ख़ियों में आया था।  उसके बाद ग्वालियर नगर निगम (Gwalior Municipal Corporation) के नोडल ऑफिसर अतिबल सिंह यादव ने प्रेस नोट जारी कहा कि श्मशान गृह में कहीं कोई पैसे नहीं लेता, प्राइवेट आदमी मौके का फायदा उठाकर मृतक के परिजनों के साथ धोखा करते हैं और वसूली करते हैं।


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Atul Saxena

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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ.... पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....