इंदौर, डेस्क रिपोर्ट। इंदौर शहर (Indore) में अब तक साल भर के अंदर करीब बिजली कंपनी के चार से पांच कर्मचारी लाइन सुधारते वक्त करंट लगने से अपनी जान गवा चुके हैं। लेकिन उसके बाद भी बिजली कंपनी को कोई सुध नहीं ले रही है। बताया जा रहा है कि लगातार बिजली कंपनी का जानलेवा भ्रष्टाचार जारी है। दरअसल बिजली कंपनी ने हाईटेंशन लाइन के नीचे ही छोटी लाइन का ट्रांसफार्मर लगा दिया है। ऐसे में लाइन सुधारने वाले कर्मचारी के साथ हादसे लगातार बढ़ते जा रहे हैं।
बता दें, 1 सप्ताह पहले निरंजनपुर स्थित नई लोहा मंडी में ट्रांसफार्मर शिफ्ट करने के नाम पर बिजली कंपनी के एक अधिकारी ने अपनी खूब मनमानी की। दरअसल, इस अधिकारी ने सड़क के किनारे लगे ट्रांसफार्मर को हटा कर सड़क के डिवाइड पर लगा दिया। इतना ही नहीं उसने उसी ट्रांसफार्मर के ऊपर से निकलने वाली हाईटेंशन लाइन को भी दरकिनार कर दिया। जानकारी के मुताबिक, बिजली कंपनी द्वारा की गई इस शिफ्टिंग के बाद तमाम कारोबारियों और ट्रांसपोर्टरों ने विरोध जताया साथ ही आपत्ति भी ली।
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बताया जा रहा है कि इल्वा तोल कांटे वाली जो रोड है वहां चौराहे पर रोड के बीच से ही हाइटेंशन लाइन निकल रही है। ये हाइटेंशन लाइन 33 केवी की है। इतना ही नहीं रोड के दूसरे किनारे 11 केवी की लाइन लगी हुई है। इसी लाइन से घरों और दुकानदारों के वहां बिजली की आपूर्ति होती हैं। लेकिन अभी चार दिन पहले ही 11 केवी के ट्रांसफार्मर को बदल कर रोड के बीच लगा दिया गया है।
इतना ही नहीं इसी ट्रांसफार्मर के ऊपर से 33 केवी की लाइन कुछ ही फीट के अंतर् पर ऊपर से गुजर रही है। ये भी बताया गया है कि इसी ट्रांसफार्मर के खंबे पर 33 केवी के तार इंसुलेटर की मदद से जोड़ दिए गए है। दरअसल बिजली कंपनी घर या भूखंड के सामने से खंबे ट्रांसफार्मर हटाने के लिए शुल्क लेती है। साथ ही खंबे से लेकर लाइन का खर्च भी उपभोक्ता से वसूला जाता है।
ताजा मामले में आरोप लग रहे हैं कि किसी व्यक्ति को लाभ देने के लिए स्थानीय अधिकारियों ने मनमाने तरीके से शिफ्टिंग कर दी। दरअसल बिजली कंपनी से ट्रांसफार्मर शिफ्टिंग के लिए सड़क के किनारे की जगह ही तय की थी, लेकिन अधिकारियों ने उसे रोड पार करवा दी। साथ ही अगर ट्रांसफार्मर में कुछ फाल्ट हुआ और कर्मचारी सुधारने जुटे तो उन्हें हाईटेंशन लाइन की चपेट में आने का खतरा है। वहीं लाइन फाल्ट का सीधा असर संबंधित उपभोक्ताओं पर भी पड़ेगा।