इंदौर, आकाश धोलपुरे। देशभर में कोरोना (Corona) महामारी से हुई सैंकड़ों मौतों से कई लोगों के घर-परिवारों को विकट समय से गुजरना पड़ा। इस महामारी से कई बच्चों के सर से उनके परिजनों का साया उठ गया जिससे अब वे बेसहारा और अनाथ हो गये हैं। बड़ी संख्या में अनाथ हुए बच्चों के इस मुश्किल समय में हाईकोर्ट की इंदौर बेंच ने मदद के हाथ बढ़ाए हैं। अब इंदौर हाईकोर्ट (Indore Highcourt) से इन बच्चों को उनकी पढ़ाई, परवरिश और आर्थिक मदद मिल सकेगी।
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इंदौर हाईकोर्ट ने अनाथ हुए बच्चों के लिये पढ़ाई और उनकी परवरिश करने के जिम्मा उठाया है। बता दें इसके तहत इंदौर और उज्जैन संभाग से 1783 बच्चों को चुना गया है जिनकी विशेष तौर पर पढ़ाई और परवरिश की जिम्मेदारी हाईकोर्ट की इंदौर बेंच उठाएगी। जानकारी के अनुसार अनाथ बच्चों की परवरिश के लिए इंदौर हाईकोर्ट पब्लिक वेलफेयर फंड का इस्तेमाल करेगा साथ ही बच्चों की आर्थिक मदद करने के उद्देश्य से पब्लिक वेलफेयर फंड के अलावा महिला बास विकास विभाग को भी इस योजना में शामिल किया गया है। इस दौरान यदि किसी भी बच्चे को बड़ी आर्थिक सहायता की जरूरत पड़ती है तो हाईकोर्ट महिला बाल विकास विभाग के जरिए सरकार या किसी अन्य संस्था से इन बच्चों की मदद करेगा। आपको बता दें हाईकोर्ट द्वारा चुने गए बच्चों में से 300 बच्चे इंदौर शहर के हैं जो इस कोरोना महामारी के विकट संकट से जूझकर अनाथ हो गए हैं।





