इंदौर, स्पेशल डेस्क रिपोर्ट। इंदौर (indore) में 10 और 11 मार्च को जमकर उत्पात मचाने वाला तेंदुआ (leopard) भले ही रेस्क्यू (rescue) कर जंगल में छोड़ दिया गया हो। लेकिन 11 मार्च को वन विभाग (forest department) की पकड़ में आने से पहले तेंदुए ने 4 लोगों पर हमला कर उन्हें घायल कर दिया था। जिनमें एक महिला – पुरूष के साथ ही तेंदुए के निशाने पर 11 माह की मासूम भी आ गई थी। वहीं तेंदुए ने वन विभाग के कर्मचारी प्रकाश पर भी हमला बोल दिया था।
खूंखार तेंदुए के हमले के बाद सभी लोगों को इलाज के लिए तुरंत अस्पताल भेज दिया गया था। तेंदुए की चपेट में आई 11 माह की मासूम ने इलाज के वक्त गुरुवार रात को दम तोड़ दिया। मासूम का नाम भूमिका बताया गया है और गुरुवार रात को तीन बजे उसकी मौत हो गई। डॉक्टरों के मुताबिक भूमिका की आंत में इंफेक्शन हुआ था। बता दें कि चोइथराम अस्पताल में उसका इलाज चल रहा था और ऑपरेशन के बाद उसके स्वस्थ होने की उम्मीद जताई जा रही थी लेकिन नियति के आगे सभी की उम्मीदों पर पानी फिर गया और भूमिका ने अंततः दम तोड़ दिया।
खंडवा रोड स्थित रानीबाग लिम्बोदी में 10 मार्च को तेंदुआ एक फार्म हाउस में दिखा था और उस दिन, रात में भी सर्च ऑपरेशन चला था लेकिन अगले दिन सुबह तेंदुआ रानी बाग से शिवधाम कालोनी तक पहुंच गया था और वहां उसने आदमखोर रुख अख्तियार कर लिया था। तेंदुए ने लोगो पर हमला बोलना शुरू कर दिया था। तेंदुए के निर्माणाधीन भवन में घुसने से पहले तेंदुए ने आरती नामक महिला और उसकी 11 माह की बच्ची पर हमला बोल दिया जिससे उनको चोट लगी थी। जिसके बाद गुरुवार रात को निजी अस्पताल में भर्ती 11 माह की भूमिका ने आज दम तोड़ दिया और उसकी मौत हो गई।
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हाल ही में तेंदुए को जंगल मे छोड़ दिया गया है और विशेषज्ञों की माने तो वो भूखा था इसलिए एग्रेशन में वो शहर की तरफ आ गया था और उसने लोगों पर हमला करना शुरू कर दिया था। फिलहाल, इलाजरत मासूम की मौत हो जाने के बाद तेंदुए न सिर्फ एक परिवार और शहर को दर्द का दंश देकर गया है बल्कि उसने एक माँ से उसका जिगर का टुकड़ा भी छीन लिया है।