इंदौर,स्पेशल डेस्क रिपोर्ट। 6 महीने से दुष्कर्म और ब्लैकमेलिंग के मामले में फरार बडनगर विधायक के पुत्र करण मोरवाल की मुसीबतें बढ़ गई है। इंदौर की जिला अदालत ने आरोपी करण को 28 सितंबर तक कोर्ट में पेश होने आदेश दिए है और यदि 28 सितंबर तक वो कोर्ट में पेश नहीं होता है तो उसकी संपत्ति कुर्क करने के कोर्ट ने आदेश जारी किये थे। आरोपी को जैसे ही इस बात की खबर लगी तो उसने अपने भाई के नाम पावर ऑफ अटॉर्नी कर प्रॉपर्टी को दान करने के लिए कागजात तैयार करवाए। हालांकि उसकी प्रापर्टी किसी जरूरतमंद को दान नहीं दी जा रही थी बल्कि मां मीना मोरवाल को मिलने वाली थी। इसकी जानकारी लगते ही इंदौर पुलिस द्वारा बड़नगर उप पंजीयक को पत्र लिखकर जमीन के नामांतरण पर रोक लगाने की बात की है।
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बता दे कि बड़नगर के कांग्रेस विधायक मुरली मोरवाल के बेटे और दुष्कर्म आरोपी करण मोरवाल की संपत्ति और जमींन पर इंदौर पुलिस ने नामंतरण पर रोक लगाने के लिए बड़नगर उप पंजीयक को पत्र लिखा है। पुलिस ने लिखा है कि और आरोपी दुष्कर्म के मामले में पिछले 6 माह से फरार है और इंदौर पुलिस ने उसकी गिरफ़्तारी पर पांच हजार का इनाम भी घोषित किया है। वही इंदौर पुलिस द्वारा बड़नगर के कई इलाकों में करण मोरवाल की खोजबीन की जा रही है। इतना ही नही पुलिस ने बडनगर में बीते 15 दिनों में इलाके के सभी स्थानों पर आरोपी के पोस्टर भी चस्पा कर दिए हैं। मामले में आरोपी अब तक पुलिस गिरफ्त से दूर है।
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पुलिस ने बताया कि जमानत अर्जी खारिज होने पर करण ने संपत्ति बचाने का रास्ता निकाला। दान पत्र लिखने के कारण रजिस्ट्री शुल्क भी बच गया। कुर्की के डर से करण ने उसके हिस्से के मकान और जमीन मां मीना को दान देना बता दिया। रजिस्ट्री के लिए खुद उपस्थित नहीं हो सकता था तो भाई शिवम को पॉवर आफ अटॉर्नी कर दी। टीआई ज्योति शर्मा ने उज्जैन कलेक्टर, तहसीलदार और उप पंजीयक को पत्र लिख नामांतरण आदि पर रोक लगा दी है। आपको बता दे की कांग्रेस की एक महिला पदाधिकारी ने करण पर इंदौर की एक होटल में ले जाकर दुष्कर्म का मामला इंदौर के महिला थाने में दर्ज कराया था।मामला दर्ज होने के बाद से ही करण फरार है। वही 12 जुलाई को जिला कोर्ट ने करण मोरवाल की अग्रिम जमानत खारिज कर दी थी और संपत्ति कुर्क करने के आदेश जारी किये थे।