कंम्प्यूटर बाबा ने कहा- सिलावट नहीं मिलावट है

इंदौर, आकाश धोलपुरे। लोकतंत्र बचाओ यात्रा के जरिये प्रदेश की 25 विधानसभा क्षेत्र में जनता चौपाल लगाने वाले कंप्यूटर बाबा के संतों का काफिला सोमवार को उपचुनाव के एपिसेंटर सांवेर विधानसभा पहुंचा। यहां ग्राम बरोली में एक आयोजन के दौरान कंप्यूटर बाबा ना सिर्फ मंत्री तुलसी सिलावट बल्कि पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और सीएम शिवराज सिंह चौहान पर भी जमकर बरसे।

कंप्यूटर बाबा ने बरोली सहित अन्य गांवों से आये लोगो को संबोधित करते हुए कहा कि तुलसी सिलावट सहित 25 विधायक करोड़ो रूपये में बिके हैं और सिलावट ने मिलावट कर शिवराज सरकार बना दी। उन्होंने कहा कि बेंगलुरु में सौदेबाजी कर सिंधिया और सिलावट ने जनमत को बेचा है। इतना ही नहीं, उन्होंने ये भी कहा कि बेंगलुरु में करोड़ों रूपये की डील के साथ ही बिना विधायक बने मंत्री बनाये जाने को लेकर भी तंज कसा। उन्होंने कहा कि तुलसीराम सिलावट को सांवेर की नहीं बल्कि सिंधिया की चिंता है। जनता चौपाल में उन्होंने सीधे वार करते हुए कहा कि 25 गद्दारों के कारण ही आज संत समाज को भजन कीर्तन छोड़कर लोकतंत्र को बचाने के लिए मोर्चा खोलना पड़ा है।

इधर, मीडिया से बातचीत में कंम्प्यूटर बाबा ने कहा कि अब हम सिलावट नहीं, उन्हें मिलावटखोर कहेंगे क्योंकि इन्होने करोड़ों रूपये लेकर मिलावट की है। वही उन्होंने सीएम शिवराज पर निशाना साधते हुए कहा कि उनकी सरकार में 15 साल तक जमकर अवैध उत्खनन हुआ और कमलनाथ सरकार के काल में 15 माह उत्खनन रुका क्योंकि कमलनाथ जबरदस्त घेराबंदी की। हजारों मशीनें पकड़ी गई और अवैध खनन होने नहीं दिया जिसके बाद शिवराज तिलमिला गए। उन्होंने आरोप लगाया सीएम शिवराज सिंह चौहान का पूरा परिवार और कई बीजेपी कार्यकर्ता मां नर्मदा का सीना छलनी करने में लगा हुआ है। इससे संत समाज काफी दुखी है। मां नर्मदा इन्हें समय आने पर उपचुनाव में बताएगी क्योंकि  इन्होंने आशीर्वाद लेने की बजाय माँ नर्मदा का सीना छलनी किया है। इसलिये शिवराज को आने वाले समय मे हार का ही सामना करना पड़ेगा।


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श्रुति कुशवाहा

श्रुति कुशवाहा

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।

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