Caste Census : ‘जातिगत जनगणना’ पर कांग्रेस ने जारी किया बयान, रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा ‘भाजपा का OBC विरोधी DNA बेनकाब’

Congress on caste census : कांग्रेस महासचिव और सांसद रणदीप सिंह सुरजेवाला ने जातिगत जनगणना को लेकर कहा है कि भाजपा द्वारा इसका विरोध OBC समाज से घोर अन्याय है। उन्होने कहा कि जातिगत जनगणना का विरोध करने के साथ ही भाजपा का OBC विरोधी DNA बेनकाब हो गया है। इस मुद्दे पर कांग्रेस का बयान जारी करते हुए सुरजेवाला ने कहा कि ‘जातिगत जनगणना’ समतामूलक समाज के सृजन का स्तंभ है। ‘जितनी आबादी, उतना हक’ वक्त की मांग भी है और सामाजिक बदलाव की क्रांति का बिगुल भी है।

रणदीप सिंह सुरजेवाला ने जारी किया कांग्रेस का बयान

‘जातिगत जनगणना’ पर अपना बयान जारी करते हुए रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि “पिछड़े वर्गों, दलितों, आदिवासियों और गरीबों को उनकी जनसंख्या के आधार पर अधिकार देना सामाजिक समरसता का सूत्र है इसीलिए श्री राहुल गांधी व कांग्रेस पार्टी लगातार जातिगत जनगणना की मांग उठाते आए हैं, ताकि समाज की यथार्थ स्थिति के आधार पर संसाधनों का उचित बंटवारा भी हो, व समान न्याय भी। श्री नरेंद्र मोदी सहित पूरी भारतीय जनता पार्टी आज जातिगत जनगणना के घोर विरोध में खड़ी है। खुद श्री नरेंद्र मोदी ने ग्वालियर में जातियों की गणना को पाप करार दे दिया। श्री नरेंद्र मोदी के चहेते केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह तो एक और कदम आगे बढ़ गए, तथा जातिगत जनगणना को भ्रम फैलाने के अलावा कुछ नहीं करार दे डाला। मध्य प्रदेश में श्री शिवराज सिंह चौहान तथा सारे भाजपा नेतृत्व को ‘जातिगत जनगणना’ के मुद्दे पर जैसे साँप सूंघ गया हो।

कड़वा सत्य यह है कि भाजपाई जातिगत जनगणना के घोर विरोधी हैं। उनका यह पूर्वाग्रह इस भय से संचालित है कि अगर OBC, दलितों, आदिवासियों की असली संख्या उन्हें मालूम चल गई, तो वो उनका दमन नहीं कर पाएंगे। भाजपा के डीएनए में ही OBC हकों का विरोध है। भाजपा के जातिगत जनगणना विरोधी नीति के सबूत सामने हैं:-

  1. भाजपा सरकार ने शपथ पत्र दे सुप्रीम कोर्ट में जातिगत जनगणना का विरोध किया।

मोदी सरकार सहित पूरी भाजपा का OBC विरोधी चेहरा तब बेनकाब हुआ जब उन्होंने CWP No. 841/2021 में शपथ पत्र दे कहा कि जातिगत जनगणना न करवाना एक सोचा समझा नीतिगत फैसला है। यही नहीं, उन्होंने यह भी कहा कि अगर अदालत भी पिछड़ोंकी जनगणना का हुक्म देती है, तो यह भारत सरकार के कानून और नीति में दखलंदाजी होगी।

भारत सरकार के शपथ पत्र के संदर्भित पैरा को देखें:

“23— The exclusion of information regarding any other cast from the purview of census is a conscious policy decision taken by the Central Government as explained in the preceding paragraphs. In such a situation, any direction from this Honorable Court to Census Department to include the enumeration Socio-Economic data to the extent relating to BCC’s of rural India in the upcoming Census 2021 as prayed, would tantamount to interfering with a policy decision as framed under section 8 of the act”

भाजपा की बदनीयति का इससे बड़ा सबूत क्या हो सकता है?

  1. OBC की आबादी लगभग 55 प्रतिशत 60 प्रतिशत पर नौकरी में हिस्सेदारी 15 प्रतिशतः  केंद्र सरकार की ग्रुप बी और ग्रुप सी की नौकरियों में हिस्सेदारी देखें तो सबसे कम हिस्सेदारी OBC, SC-ST वर्ग की है।
  2. यही नहीं, भारत सरकार की नौकरियों में आज भी 2,65,000 OBC पद खाली पड़े हैं। दलितों और आदिवासियों की खाली नौकरियों का हाल तो और भी बुरा है।

केंद्रीय PSU में तो अब OBC, SC-ST का आरक्षण ही खत्म हो रहा है, क्योंकि इनको विनिवेश की नीति के तहत बेचा जा रहा है। जैसे ही सरकारी उपक्रमों को बेचते हैं, तो OBC, SC-ST का आरक्षण अपनेआप खत्म हो जाता है।

  1. उच्च शिक्षा संस्थानों में भी OBC, SC-ST आरक्षित पद खाली पड़े, भरे जा रहे, ताकि गरीबों को मौका न मिले। जानबूझकर नहीं देश में 45 केंद्रीय विश्वविद्यालय हैं। पिछले 9 साल की भाजपा सरकार में केंद्रीय विश्वविद्यालयों के 46 प्रतिशत OBC आरक्षित पद खाली पड़े हैं, यानि उन्हें नौकरी ही नहीं दी गई। इसी प्रकार केंद्रीय विश्वविद्यालयों में SC वर्गों के 37 प्रतिशत आरक्षित पद व ST वर्गों के 44 प्रतिशत आरक्षित पद खाली पड़े हैं।
  2. मध्य प्रदेश में भाजपा ने पिछड़ों के 27 प्रतिशत आरक्षण को खारिज किया।

साल 2003 में मध्य प्रदेश में श्री दिग्विजय सिंह के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने OBC आरक्षण को 14 प्रतिशत से बढ़ाकर 27 प्रतिशत कर दिया। सत्ता संभालने के बाद भाजपा ने इस मामले को 14 साल तक अदालत में टंगवाए रखा और साल 2017 में भाजपा के कार्यकाल में अदालत के निर्णय से यह समाप्त हो गया। मार्च, 2019 में मध्य प्रदेश में श्री कमलनाथ के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने OBC आरक्षण को फिर 14 प्रतिशत से बढ़ाकर 27 प्रतिशत कर दिया। जुलाई, 2019 में कांग्रेस सरकार ने विधानसभा में 27 प्रतिशत OBC आरक्षण का कानून पारित कर दिया। 18 अगस्त, 2020 को भाजपा की मौजूदा सरकार के अतिरिक्त महाधिवक्ता ने हाईकोर्ट में यह मत दिया कि 14 प्रतिशत आरक्षण के साथ ही सभी सरकारी विभागों में भर्तियाँ की जाएं। यह OBC वर्ग के साथ खुला षडयंत्र था। हमारा यह संकल्प है कि OBC का 27 प्रतिशत आरक्षण कांग्रेस की अगली सरकार लागू करेगी।” इस तरह उन्होने एक बार फिर दोहराया कि कांग्रेस की सरकार बनने पर कास्ट सेंसस और ओबीसी के लिए आरक्षण का प्रावधान किया जाएगा।


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श्रुति कुशवाहा

श्रुति कुशवाहा

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।

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